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Friday, February 19, 2021

पंजीयन की बढ़ाई गई तारीख अब 25 फरवरी तक किसान करा सकेंगे पंजीयन

रबी सीजन की फसल खरीदी के लिए सरकार ने बढ़ाई पंजीयन की तारीख अब 25 फरवरी तक किसान करा सकेंगे पंजीयन

सरकार ने रबी सीजन की फसल खरीदी के लिए पंजीयन का तारीख बढ़ा दी है. अब 25 फरवरी तक किसान फसल खरीदी के लिए पंजीयन करा सकते हैं. पहले पंजीयन की अंतिम तिथि 20 फरवरी तय की गई थी. जिसे शुक्रवार को बढ़ाकर 25 फरवरी कर दिया गया है. किसान ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन करा सकते हैं. मध्य प्रदेश में 15 मार्च से फसलों की खरीदी शुरू हो जाएगी. फिलहाल फसलों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. मध्य प्रदेश में इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की दाम 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस साल प्रदेश के करीब 20 लाख किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचेंगे. यही वजह है कि सरकार ने पिछली बार की अपेक्षा इस बार गेहूं के लिए खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई है.

मध्य प्रदेश में 4,529 खरीद केंद्र बनाए जा रहे
इस बार किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े इसके लिए सरकार कई उपाय कर रही है. गेहूं खरीदी के लिए इस बार पूरे मध्य प्रदेश में 4,529 खरीद केंद्र बनाए जा रहे हैं.
एक साथ खरीदी जाएगी चार फसलें
इस बार शिवराज सरकार ने चना, सरसों, मसूर और गेहूं की फसल की खरीदी एक साथ करने का फैसला सरकार ने लिया है. जिसके चलते 1 फरवरी से फसलों की खरीदी के लिए पंजीयन भी शुरू हो चुका है, जो 25 फरवरी तक चलेगा. सरकार अब तक गेहूं की फसल खरीदी का काम पहले करती थी. उसके बाद दूसरी फसलों की खरीदी शुरू होती थी, लेकिन इस बार सरकार ने एक साथ सभी फसलों को खरीदने का फैसला किया है.
खरीदी की तैयारियों में जुटी शिवराज सरकार
बताया जा रहा है कि इस बार प्रदेश में गेहूं पैदारवार बंपर हुई है. इसलिए सरकार का अनुमान है कि किसान बड़े पैमाने पर गेहूं की बिक्री करेंगे. बता दें कि पिछले साल मध्य प्रदेश ने गेहूं खरीदी में देशभर में पहला स्थान हासिल किया था. इसलिए सरकार पहले से गेहूं खरीदी की तैयारियों में जुटी है.
कृषि मंत्री ने कही ये बात
पिछले दिनों कृषि मंत्री कमल का कहना था कि अब तक मार्च के महीनें में केवल गेहूं की फसल खरीदी होती थी. जबकि चना, सरसों और मसूर की फसल मई-जून के महीनें में खरीदी जाती थी. लेकिन देखने में आ रहा है कि चने की फसल भी अब गेहूं के साथ ही आ जाती है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि किसानों को फसल बेचने के लिए मई-जून तक का इंतजार न करना पड़े.

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