राम मंदिर निर्माण: दिल्ली व हरिद्वार के वैदिक आचार्य आज से शुरू करेंगे अनुष्ठान

अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के स्थान परिवर्तन को लेकर दिल्ली व हरिद्वार से आए वैदिक आचार्य सोमवार को प्रात: अनुष्ठान का श्रीगणेश करेंगे। इस अनुष्ठान में कारसेवकपुरम स्थित वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य इन्द्रदेव मिश्र सहित अन्य आचार्यगण भी शामिल होंगे। यह अनुष्ठान गर्भगृह व रामलला के लिए निर्मित अस्थाई मंदिर दोनों में एक साथ आरम्भ होगा। 27 मार्च तक चलने वाले इस अनुष्ठान के प्रथम तीन दिवस में भूमि शुद्धीकरण एवं प्रतिष्ठापन के अलावा नये स्थान पर वैदिक रीति से देवता के पधारने के लिए प्रार्थना की जाएगी। शेष तीन दिवस में स्थानीय आचार्य स्थान की जागृति का अनुष्ठान पूर्ण कर हवन करेंगे।
वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मिश्र ने बताया कि अनुष्ठान के निमित्त दिल्ली के आचार्य कृतकांत शर्मा एवं चंद्रभानु शर्मा एक दिन पूर्व यहां आ चुके हैं। इसी तरह हरिद्वार के भी तीन आचार्यगण आ चुके हैं। शेष दस आचार्य स्थानीय हैं। इस पूजन में आचार्यों के अलावा रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी व अयोध्या राज परिवार के अगुवा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, गृह विभाग एवं प्रशासनिक अमले के अधिकारी शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व सीमित संख्या में संत-महंत भी रहेंगे।
निर्माणाधीन अस्थाई मंदिर में रात-दिन जारी है काम
रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन अस्थाई मंदिर में शिखर व दरवाजों के अलावा एयर कंडीशनर व चबूतरे के पत्थर लगाने के अधूरे निर्माण के चलते देर रात तक काम चलता रहा। यह निर्माण रविवार को भी जारी रहा। इसके अतिरिक्त गैंग-वे का निर्माण कार्य भी जारी है। नये स्थान पर रामलला के दर्शनार्थियों के लिए बनाए जा रहे गैंग-वे में षडकोणीय लाल पत्थर की टाइल्स लगाई जा रही है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की वापसी के लिए अरविंदो साधनालय तक गैलरी का भी निर्माण कराया जा रहा। इस गैलरी में वाटर कनेक्शन के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी चल रहा है।
मुख्यमंत्री के आगमन पर असमंजस बरकरार
विराजमान रामलला के स्थान परिवर्तन के अवसर पर पूजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर अभी असमंजस बना हुआ है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बदली परिस्थिति को लेकर रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में शासक वर्ग की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में मुख्यालय छोड़ना उचित नहीं हो सकता। फिर भी 24 मार्च की शाम तक की परिस्थिति के अनुसार ही निर्णय हो सकेगा। उनका कहना है कि अयोध्या-लखनऊ की दूरी मुख्यमंत्री के लिए नगण्य है। फिलहाल मुख्यमंत्री के संभावित कार्यक्रम के अनुसार उनका आगमन 24 मार्च को प्रस्तावित है। इसके तहत वह यहां मंडलीय समीक्षा बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करेंगे। रात्रि विश्राम के बाद भोर में चार बजे रामलला को नये स्थान पर प्रतिष्ठित करने के अनुष्ठान में शामिल होंगे।
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