चीन से 7500 किलोमीटर दूर इटली में आखिर क्यों दिखा कोरोना का विकराल रूप - The Sanskar News

Breaking

Monday, March 16, 2020

चीन से 7500 किलोमीटर दूर इटली में आखिर क्यों दिखा कोरोना का विकराल रूप

चीन से 7500 किलोमीटर दूर इटली में आखिर क्यों दिखा कोरोना का विकराल रूप

लोगों के घरों में रहने की वजह से सूनी पड़ी मिलान की सड़कें
लोगों के घरों में रहने की वजह से सूनी पड़ी मिलान की सड़कें - फोटो : PTI
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब यूरोपीय देश इटली में कहर बरपा रहा है। लगभग 6 करोड़ आबादी वाले इस देश में 25 हजार से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जो चीन के बाद सबसे ज्यादा हैं। अब तक 1800 से ज्यादा लोग कोरोना की वजह से अपनी जान भी गंवा चुके हैं। 
विज्ञापन
यही नहीं कोरोना से एक दिन में सबसे ज्यादा मौत का रिकॉर्ड भी इटली के नाम हो गया है। 13 मार्च को 368 लोगों की मौत हुई। इससे पहले चीन में एक दिन में 254 जानें गई थीं। आखिर ऐसा क्या हुआ जो कोरोना वायरस चीन से करीब 7500 किलोमीटर दूर इटली में कहर बरपा रहा है। इसके पीछे के कई कारण हैं, जिन वजहों से इटली में कोरोना वायरस ने विकराल रूप ले लिया है। 

इटली का फैशन बाजार और चीन

इटली में जगह-जगह बचाव के संदेश लिखे हैं
इटली में जगह-जगह बचाव के संदेश लिखे हैं - फोटो : PTI
  • इटली चमड़े के महंगे और खूबसूरत बैग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। परादा, गुची, रॉर्बेटो कावाली जैसे ब्रांड की धूम विश्व में है। 
  • इटली के उत्पादों की चीन में भी बहुत मांग है। इसमें हर साल औसतन 21.3 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। 
  • मगर इटली की बुजुर्ग होती आबादी की वजह से कई कंपनियों ने चीन में इसका निर्माण कराना शुरू कर दिया है।
  • वर्ष 2018 में जनवरी से अक्तूबर के बीच 12.3 करोड़ किलोग्राम चमड़े के उत्पाद इटली में आए। इनमें 60 फीसदी हिस्सेदारी चीन की ही थी। 
वुहान से सीधी फ्लाइट 
  • यही नहीं इटली में भी अधिकतर कंपनियों में चीनी नागरिकों को रखा गया है। कई चीनी कंपनियों ने भी इटली के फैशन बाजार में अपनी पैठ बना ली है। 
  • उत्तरी इटली की फैक्टरियों में काम करने वाले कम से कम एक लाख लोग सीधे वुहान या वेंझोउ से हैं। 
  • यही नहीं वुहान से इटली के सीधी उड़ान भी है। इसी वजह से यहां कोरोना वायरस का प्रकोप इतना ज्यादा फैला। 

यूरोप में सबसे ज्यादा बुजुर्ग इटली में 

इटली में खाली पड़े मॉल्स
इटली में खाली पड़े मॉल्स - फोटो : PTI
  • कोरोना वायरस के चीन में फैलने के साथ ही यह चीज स्पष्ट हो गई थी कि बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। 
  • चीन में जिन लोगों की मौत हुई, उनमें 80 फीसदी की उम्र 60 से ज्यादा थी। 
  • इटली यूरोप का सबसे बुजुर्ग देश माना जाता है। यहां 65 साल से ज्यादा के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।
  • इटली के नागरिकों की औसत आयु 43.1 वर्ष है यानि यहां बुजुर्गों की संख्या बहुत ज्यादा है। 
स्मोकिंग और प्रदूषण
  • इटली में कोरोना की भयावता के पीछे प्रदूषण और उनके धूम्रपान करने की बात भी काफी हद तक जिम्मेदार है। 
  • यूरोप के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 24 इटली में हैं, जो अधिकतर उत्तरी इटली के हैं। 
  • एक अध्ययन के मुताबिक इटली में 21 फीसदी लोग धूम्रपान करते हैं जबकि अमेरिका में यह दर 14 फीसदी ही है। 
  • इन वजहों से इतालवी नागरिकों में सांस की बीमारी की समस्या ज्यादा है। इसी कारण से यहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा देखने को मिला है। 

शुरुआती लापरवाही 

मरीजों की जांच करते चिकित्साकर्मी
मरीजों की जांच करते चिकित्साकर्मी - फोटो : PTI
  • इटली में जनवरी के अंत में कोरोना वायरस के तीन संदिग्ध केस सामने आए थे। इनमें दो चीनी पर्यटक थे। 
  • प्रशासन ने इन्हें अलग रखा और इनसे मिलने-जुलने वालों को भी ढूंढ लिया गया। 
  • मगर इसके बाद सरकार को लगा कि उसने इस वायरस पर काबू पा लिया है, लेकिन लॉम्बार्डी प्रांंत पर उसका ध्यान ही नहीं गया। 
लॉम्बार्डी में चुपचाप फैलता रहा वायरस 
  • उत्तरी इटली का लॉम्बार्डी प्रांत इस देश का आर्थिक केंद्र माना जाता है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आना-जाना भी खूब है। 
  • इस क्षेत्र में कोरोना वायरस चुपचाप तरीके से फैलता रहा और प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं गया। सरकार और स्वास्थ्य प्रशासन के बीच तालमेल की कमी साफ दिखी। 
  • लॉम्बार्डी, वेनेटो और एमिलिया रोमागा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। 85 फीसदी संक्रमित मरीज इसी क्षेत्र से हैं और 92 फीसदी मौत के मामले भी यहीं से हैं। 

अभिवादन की परंपरा 

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो - फोटो : Social Media
  • कोरोना वायरस के बढ़ते डर की वजह से अब पूरी दुनिया नमस्ते को अपना रही है। 
  • इटली में अभिवादन का तरीका भारत से बिल्कुल अलग है। यहां किसी का अभिवादन करते वक्त दोनों गालों पर चूमा जाता है। 
  • इस वजह से लोग एक दूसरे के संपर्क में ज्यादा आए
फरवरी में जाकर मिला 'पेशेंट जीरो' 
  • माना जाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन तीन लोगों में यह वायरस फैलाता है। इस तरह से यह 3 से 9 से 27 के अनुपात में फैलता है। 
  • 38 साल का एक संक्रमित व्यक्ति फरवरी के मध्य में जाकर डॉक्टर से मिला। करीब 36 घंटे के बाद जाकर उसे आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया।  
  • इससे पहले वह कई अस्पतालों में घूमकर आ चुका था और बहुत से लोगों के संपर्क में आ गया था। 
  • चूंकि वह चीन नहीं गया था, इसलिए उसकी जांच नहीं हुई

No comments:

Post a Comment