
- कचरा पेटी से नवजात को एक किशोरी ने उठाया था
- नहीं स्वीकारा, तो बच्ची को बाल गृह में रखा जाएगा
सूरत. पनास गांव के पास शुक्रवार को कचरा पेटी से पतंग की डोरी से लिपटी नवजात बच्ची के माता-पिता का पता चल गया है। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि वहां की एक 18 वर्षीय युवती अपने ही सगे भाई के दुष्कर्म से गर्भवती हुई थी। जिसने एक बच्चे को जन्म दिया। बदनामी के डर से युवती ने उसे कचरा पेटी में फेंक दिया था।
क्या थी घटना? 20 जनवरी की घटना
पनास गांव के एसएमसी क्वाटर्स में रहने वाली धारा रमेश गोडसे(15) शुक्रवार की सुबह नाश्ता लेने निकली थी। रास्ते में उसने किसी के रोने की आवाज सुनी। ध्यान से सुनने के बाद उसने देखा कि एक बच्ची कचरा पेटी में पड़ी हुई है। उसका शरीर पतंग के धागे से उलझा हुआ है। धारा ने उसे उठाया। उसके शरीर से धागे दूर किए। फिर उसे अपना स्वेटर पहनाया। फिर उसे अपने घर ले गई। वहां मां को पूरा हाल सुनाया। तब मां ने 108 को इसकी सूचना दी। 108 के माध्यम से पहले नवजात को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।
सगे छोटे भाई से हुई थी गर्भवती
इस मामले की जब पुलिस ने जांच की, तब गांव में एक युवती के गर्भवती होने की जानकारी मिली। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने चौंकाने वाली जानकारी दी। उसने बताया कि वह अपने ही सगे छोटे भाई के दुष्कर्म से गर्भवती हो गई थी। जब बच्ची पैदा हुई, तो बदनामी के डर से उसने उसे कचरा पेटी में फेंक दिया था। अब पुलिस ने उसके भाई को अपराधी मानते हुए उसे हिरासत में लिया है। उसका मेडिकल चेकअप कराने के बाद उससे पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने बताया कि यदि युवती अपनी बच्ची को नहीं अपनाया, तो नवजात को बाल गृह में भेज दिया जाएगा।
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