पाकिस्तान (Pakistan) में आए दिन अल्पसंख्यकों पर धार्मिक अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला सिंध प्रांत के जैकोबाबाद से आ रहा है, जहां एक हिंदू लड़की का अपहरण कर जबरन उसका धर्म परिवर्तन (Forced Conversion) करवाया गया. बाद में एक मुस्लिम लड़के के साथ उसका निकाह भी करवा दिया गया.
सिंध के जैकोबाबाद में रहने वाली 15 वर्षीय महक कुमारी (Mehak Kumari) बुधवार से अपने घर से गायब थीं. इसके बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर आसा जिसमें उन्होंने खुलासा किया अब वह इस्लाम कुबूल कर चुकी हैं और उनकी शादी एक मुसलमान लड़के अली रजा के साथ हो चुकी है. उनका एक नया वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह अली रजा के साथ बैठी हुई नजर आ रही हैं. वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि अब उनकी शादी रजा के साथ हो चुकी है.
महक कुमारी का नाम बदलकर अलिजा हो गया है अलिजा बनकर महक कह रही हैं, ‘मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूला है और अब मेरा मुसलमान नाम अलिजा है. मैंने अमरोत शरीफ की दरगाह पर इस्लाम कुबूला है और फिर वहीं रजा के साथ शादी की है. वीडियो में महक का कहना है कि उनकी उम्र 18 साल है और अब अपने और अपने पति के लिए उन्हें सुरक्षा चाहिए. उन्होंने सिंध प्रांत के सुकेर जिले के स्थानीय अदालत में केस भी दर्ज कराया है. उन्होंने कहा है कि धर्मांतरण के बाद उन्हें अपने माता-पिता और हिंदू समुदाय से सुरक्षा चाहिए. वहीं परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी दबाव में आकर ऐसा बयान दे रही है. उससे जबरदस्ती कहलवाया जा रहा है.
50 हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया गया
हिंदू समुदाय का कहना है कि महक की उम्र बस 15 साल हैं और वह नौंवी कक्षा में पढ़ती है. समुदाय के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘हम महक को ननकी कुमारी कहकर बुलाते हैं. उसकी उम्र 15 साल है. आज उसे गए हुए कई दिन हो गए हैं और हम उसे लेकर चिंतित हैं. रोजाना हमारी लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और उन्हें जबरन इस्लाम कुबूल करवाया जाता है. ऐसा करके वह हमें प्रताड़ित कर रहे हैं. इस प्रतिनिधि की मानें तो एक लिस्ट में उन 50 लड़कियों के नाम हैं जिन्हें पिछले कई वर्षों में अपहरण करके ले जाया गया और फिर उन्हें जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया है.
ननकाना साहिब की वारदात के बाद एक बार फिर पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की स्थिति की ओर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। दो हफ़्ते पहले ही पाकिस्तान के कराची की रहने वाली महक केशवानी के मुसलमान बनने और फिर एक मुसलमान युवक से निकाह करने की घटना से पाकिस्तान की काफी किरकिरी हुई थी।
दिसंबर महीने के अंतिम हफ़्ते में सिंध प्रान्त के कराची शहर में रहने वाली 22 वर्षीय युवती महक केशवानी का अपहरण हो गया। डिफेन्स हाउसिंग अथॉिरिटी के घर से उसका अपहरण कर लिया गया।
बाद में घोटगी प्रांत में इसलाम कबूल करते हुए उसका वीडियो सामने आया। इसमें वह यह कहते हुए दिखती है कि उसने अपनी मर्ज़ी से इसलाम धर्म कबूल किया है और उसका नया नाम महक फ़ातिमा है।
लेकिन महक के घरवालों ने कहा था कि उसने दबाव में आकर इसलाम कबूल किया था और दबाव डाल कर ही उसका निकाह भी कराया गया था।
इस घटना से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाली ज़्यादतियों की ओर लोगों का ध्यान एक बार फिर गया था। लेकिन पाकिस्तान में इस तरह की वारदात अतीत में भी कई बार हो चुकी है।
‘हज़ारों हिंदू लड़कियों को मुसलिम बनाया’पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार ‘डॉन’ ने इस पर कई रिपोर्टें की हैं। ‘डॉन’ ने उमरकोट ज़िले के सरहंदी श्राइन के गद्दी नशीं पीर मुहम्मद अयुब जन सरहंदी से बातचीत के आधार पर 17 अगस्त, 2017 में एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें सरहंदी दावा करते हैं कि उन्होंने हज़ारों हिंदू लड़कियों को मुसलिम में धर्मांतरण किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वह कहते हैं, ‘इसमें से अधिकतर लड़कियाँ अनुसूचित जाति भील, मेघवार और कोहली की थीं। इसमें जबरन धर्मांतरण के मामले भी हैं और मुसलिम लड़कों के साथ भाग कर आने वाली नाबालिग लड़कियों के मामले भी।’
डॉन ने यह रिपोर्ट तब छापी थी जब क्षेत्र में अपहरण का एक मामला हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार परिजनों ने आरोप लगाया था कि प्रभावशाली मुसलिम समुदाय ने 16 साल की एक किशोरी का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर अगवा करने वाले बदमाश से शादी करायी थी। हालाँकि बाद में कोर्ट में किशोरी ने अपहरण किये जाने की ख़बरों को ख़ारिज़ कर दिया था।
डॉन ने इसी रिपोर्ट में गद्दी नशीं के भाई पीर वलीवुल्लाह सरहंदी का बयान भी छापा है जिसमें वह कहते हैं, ‘जब किसी लड़की को मुसलिम धर्म में परिवर्तन कराने के लिए क़ाज़ी के सामने लाया जाता है तो तुरंत ही उसे यह काम करना होता है। यदि इस प्रक्रिया में थोड़ी-सी भी देरी होती है तो क़ाज़ी को ही काफ़िर कहा जाने लगता है।’
उमरकोट में ही हर माह 25 धर्म परिवर्तनएक स्थानीय मानवाधिक कार्यकर्ता के हवाले से डॉन ने रिपोर्ट की है कि सिंध के उमरकोट ज़िले में हर महीने जबरन धर्म परिवर्तन के क़रीब 25 मामले होते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इलाक़ा बेहद पिछड़ा हुआ है और लोग अल्पसंख्यक अनुसूचित जाति के हैं और जबरन धर्म परिवर्तन की उनकी शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती। इ
स तरह पुलिस में शिकायतें कम ही दर्ज होती हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं कि इसी कारण जबरन धर्म परिवर्तन की ख़बरें मीडिया में बहुत कम आ पाती हैं।
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