चर्चाओं में प्रशासन की मुहिम पर उठे सवाल, कहीं मिर्ची वाले दलाल की भूमिका तो नहीं लेन-देन कर तो नहीं दिया जा रहा
अभयदान शिवपुरी। ऐसा क्या है कि एक ओर जहां जिला प्रशासन मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर एण्टी-भू माफिया मुहिमा चला रहा है और इस भू-माफिया में जिला प्रशासन द्वारा शहर के 57 भू-माफिया चिह्नित किए गए लेकिन आज एक माह बीतने को है और इन सभी भू-माफियाओं पर आखिरकार क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही, कहीं चर्चाओं में प्रशासन की मुहिम लेन-देन कर तो ठप्प नहीं हो गई और इसीलिए कहीं इन भू-माफियाओं को अभयदान तो नहीं दिया जा रहा...कुछ इसी तरह की चर्चाऐं इन दिनों लोगों में जनचर्चाओं का विषय बना हुआ है।
बताना होगा कि मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते है कि प्रदेश में भू-माफिया पर कड़ी कार्यवाही हो और इसे लेकर प्रदेश भर में कार्यवाहियां हुई भी लेकिन जिला मुख्यालय शिवपुरी की बात करें तो यहां जिला प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे है कि आखिरकार ऐसे क्या कारण है कि यहां 57 भू-माफियाओं को चिह्नित करते हुए उन्हें नोटिस तो जारी कर दिए लेकिन उन नोटिसों के बाद इन सभी भू-माफियाओं की सुध नहीं ली जा और यह मुहिम जहां शुरू हुई वह स्थान भी शहर का एक कोना रहा जिसमें नमोनगर पर कार्यवाही कर जिला प्रशासन ने खूब वाहवाही बटोरना का प्रयास किया लेकिन यहां भी जिला प्रशासन की कार्यवाही चर्चाओं में आ गई। कि आखिरकार नमोनगर में कार्यवाही के बाद जिन 57 भू माफियाओं को जिला प्रशासन ने चिह्नित किया उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही। यही कारण है कि आज जिला प्रशासन की हुई इस कार्यवाही को लेकर स्वयं जिले के प्रभारी मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी बीते रोज आयोजित समीक्षा बैठक में गहन नाराजगी व्यक्त की और इस कार्यवाही के जबाब में जिला कलेक्टर भी उचित कारण नहीं बता सकी। सूत्रों की खबर है कि नमोनगर में की गई कार्यवाही द्ववेषपूर्ण भावना के तहत अंजाम दी गई और इसकी पुष्टि इस बात भी होती है कि नमोनगर के डुप्लैक्स गिराए जाने के बाद कहीं जिला प्रशासन द्वारा इस मुहिम को केवल जिले भर में चलाई गई लेकिन मूल भू-माफिया इस कार्यवाही से बचे रहे। हालांकि जिला प्रशासन ने जिले के विभिन्न स्थानों के अतिक्रमण को तोड़े तो सही लेकिन कार्यवाही वाजिब नहीं हुई। वहीं 57 भू-माफिया भी धीरे-धीरे समय गुजरने के साथ अपने कार्यों में जुटे हुए है जबकि जिला प्रशासन द्वारा चलाई गई यह एण्टी-भू माफिया मुहिम महज दिखावा ही साबित हुई।
प्रभारी मंत्री भी ने जताई नाराजगी!सूत्रों की खबर है कि गत दिवस शिवपुरी प्रवास पर आए जिले के प्रभारी मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी एण्टी भू-माफिया मुहिम में गहन नाराजगी जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में जताई। सूत्र बताते है कि नमोनगर वैश्य समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का निर्माणाधीन भवन था और इस भवन को तोडऩे के बाद मुख्यालय में कहीं कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई जिससे लोगों में इस कार्यवाही को लेकर भेदभावपूर्ण स्थिति निर्मित हुई और इसके बाद यह कार्यवाही जिला प्रशासन को भी भारी पड़ गई तो वहीं सूत्रों के मुताबिक समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री प्रधुम्र सिंह तोमर ने भी कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. से जबाब मांगा लेकिन उनके जबाब से संतुष्ट नहीं कर पाए और कलेक्टर के इस जबाब से नाखुश होकर कहीं ना कहीं कलेक्टर की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। सूत्रों ने बताया है कि जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी इस मामले में प्रशासन की इस पक्षपातपूर्ण कार्यवाही को लेकर जबाब मांगा लेकिन वह जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी संतुष्ट नहीं कर पाए। ऐसे में जनचर्चा चली है कि कहीं इस मुहिमा का निशाना कलेक्टर ना हो जा और उनहें यहां से स्थानांतरित कर कहीं ओर भेजा जाए। फिलहाल यह खबर सूत्र बता रहे है लेकिन इसकी पुष्टि अभी हो नहीं सकी है।
बताना होगा कि मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते है कि प्रदेश में भू-माफिया पर कड़ी कार्यवाही हो और इसे लेकर प्रदेश भर में कार्यवाहियां हुई भी लेकिन जिला मुख्यालय शिवपुरी की बात करें तो यहां जिला प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे है कि आखिरकार ऐसे क्या कारण है कि यहां 57 भू-माफियाओं को चिह्नित करते हुए उन्हें नोटिस तो जारी कर दिए लेकिन उन नोटिसों के बाद इन सभी भू-माफियाओं की सुध नहीं ली जा और यह मुहिम जहां शुरू हुई वह स्थान भी शहर का एक कोना रहा जिसमें नमोनगर पर कार्यवाही कर जिला प्रशासन ने खूब वाहवाही बटोरना का प्रयास किया लेकिन यहां भी जिला प्रशासन की कार्यवाही चर्चाओं में आ गई। कि आखिरकार नमोनगर में कार्यवाही के बाद जिन 57 भू माफियाओं को जिला प्रशासन ने चिह्नित किया उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही। यही कारण है कि आज जिला प्रशासन की हुई इस कार्यवाही को लेकर स्वयं जिले के प्रभारी मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी बीते रोज आयोजित समीक्षा बैठक में गहन नाराजगी व्यक्त की और इस कार्यवाही के जबाब में जिला कलेक्टर भी उचित कारण नहीं बता सकी। सूत्रों की खबर है कि नमोनगर में की गई कार्यवाही द्ववेषपूर्ण भावना के तहत अंजाम दी गई और इसकी पुष्टि इस बात भी होती है कि नमोनगर के डुप्लैक्स गिराए जाने के बाद कहीं जिला प्रशासन द्वारा इस मुहिम को केवल जिले भर में चलाई गई लेकिन मूल भू-माफिया इस कार्यवाही से बचे रहे। हालांकि जिला प्रशासन ने जिले के विभिन्न स्थानों के अतिक्रमण को तोड़े तो सही लेकिन कार्यवाही वाजिब नहीं हुई। वहीं 57 भू-माफिया भी धीरे-धीरे समय गुजरने के साथ अपने कार्यों में जुटे हुए है जबकि जिला प्रशासन द्वारा चलाई गई यह एण्टी-भू माफिया मुहिम महज दिखावा ही साबित हुई।
प्रभारी मंत्री भी ने जताई नाराजगी!सूत्रों की खबर है कि गत दिवस शिवपुरी प्रवास पर आए जिले के प्रभारी मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी एण्टी भू-माफिया मुहिम में गहन नाराजगी जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक में जताई। सूत्र बताते है कि नमोनगर वैश्य समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का निर्माणाधीन भवन था और इस भवन को तोडऩे के बाद मुख्यालय में कहीं कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई जिससे लोगों में इस कार्यवाही को लेकर भेदभावपूर्ण स्थिति निर्मित हुई और इसके बाद यह कार्यवाही जिला प्रशासन को भी भारी पड़ गई तो वहीं सूत्रों के मुताबिक समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री प्रधुम्र सिंह तोमर ने भी कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. से जबाब मांगा लेकिन उनके जबाब से संतुष्ट नहीं कर पाए और कलेक्टर के इस जबाब से नाखुश होकर कहीं ना कहीं कलेक्टर की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। सूत्रों ने बताया है कि जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी इस मामले में प्रशासन की इस पक्षपातपूर्ण कार्यवाही को लेकर जबाब मांगा लेकिन वह जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी संतुष्ट नहीं कर पाए। ऐसे में जनचर्चा चली है कि कहीं इस मुहिमा का निशाना कलेक्टर ना हो जा और उनहें यहां से स्थानांतरित कर कहीं ओर भेजा जाए। फिलहाल यह खबर सूत्र बता रहे है लेकिन इसकी पुष्टि अभी हो नहीं सकी है।
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