22 दिसंबर 2019, संस्कार न्यूज़ ,पवन भार्गव
सिंध नदी में डूबी पनडुब्बी को निकालने गए युवक की मौत। रेत माफियाओं का शिकार हुआ युवक।
पिछले एक महीने से चांदपुर और पाली के सिंध नदी घाट पर प्रशासन की कार्यवाही के भय से रेत माफियाओं द्वारा डुबाई गई पनडुब्बी को जेसीबी की सहायता से टूचन करके बाहर निकालने के लिए पनडुब्बी को बांधने गए धनपाल बाथम उम्र 35 वर्ष निवासी विजकपुर की सिंध नदी में डूबने से हुई मौत। रेत माफियाओं द्वारा पनडुब्बी निकालने का दिया गया था ठेका जिसमें विजकपुर निवासी तीन लोग पनडुब्बी निकालने के लिए चांदपुर घाट पर पहुंचे थे। पहली बार में टूचन बांधकर पनडुब्बी को निकालने का प्रयास किया लेकिन बीच में ही टूट गया टूचन। जब दूसरी बार धनपाल बाथम पनडुब्बी बांधने गया तो वह ऊपर वापस नहीं आया।
घटना दोपहर 2:00 बजे की है जब रेत माफियाओं द्वारा पनडुब्बी निकलवाने का प्रयास किया जा रहा था तो वह अधिक ठंड होने के कारण कब कपाती ठंड में सिंध नदी के ठंडे पानी में युवक की मौत हो गई।
सीमा विवाद के कारण नहीं निकल सकी युवक का शव..।
मामला ग्वालियर जिला के डबरा और दतिया जिले के सेवढा अनुभाग सीमा विवाद का है जहां डबरा सिटी पुलिस एवं गोराघाट पुलिस मौके पर पहुंची है लेकिन मामला अभी भी स्पष्ट नहीं हो सका है जिसका सीमांकन डबरा तहसीलदार नवनीत शर्मा एवं इंदरगढ़ तहसीलदार मौके पर सिंध नदी का सीमांकन करने में जुटे हुए हैं आखिर आज ही सीमांकन की जरुरत क्यों आन पड़ी पिछले कई वर्षों से सिंध नदी में रेत का अवैध उत्खनन पनडुब्बियों के माध्यम से हो रहा है लेकिन प्रशासन को आज तक इसकी सुध नहीं आई जब एक मजदूर की मौत हो गई है तो अपने अपने थाना क्षेत्र को बचाने का मौका ढूंढ रहे हैं कि आखिर पनडुब्बी किस क्षेत्र में डली हुई है डूबे हुए मजदूर युवक का शव ऐसी कड़कड़ाती ठंड में सिंध नदी में ही रात भर डूबा रहेगा क्या ऐसा नहीं लगता कि मानवता शर्मसार हो रही हो दोपहर 2:00 बजे की घटना है और अभी तक युवक के शव को पुलिस अपने कब्जे में नहीं कर सकी।
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