टिटहरि के अंडों के अनुसार अक्टूबर तक भारी बरसात होने की संभावना
कराहल ➡️ कराहल :_ जनजाति आदिवासी सहरिया समाज के पुरखे, पूर्वजों के ज्ञान अनुसार इस वर्ष अक्टूबर 2021 तक भारी बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश मल्होत्रा ने बताया कि प्राकृतिक संतुलन स्थिति के अनुमान से अंदाजा लगाकर हमारे पूर्वज/ पुरखे बताते थे कि अगर टिटहरि /टीटई के अंडे किसी स्थान पर रखे हैं और उन 3 व 4 अंडों के मूह नीचे धरती मां की तरफ होते हैं तो बरसात 3 से 4 महा अच्छी बर्षात होने का संकेत देते हैं। टीटई एक शाकाहारी पंछी है जो कभी भी किसी पेड़ की डाली पर नहीं बैठता है । उसको दुनिया की प्रकृति ने सराफ दे रखा है कि जिस दिन तू किसी पेड़ के ऊपर जा कर बैठ गई/गया उसी दिन इस धरती पर प्रलय आ जाएगी यानी धरती मां की उलट पुलट/ उथल पुथल हो जाएगी पूरी दुनिया में भूकम्प आ जाएगा , जीव जंतु मानव जीवन सब नष्ट हो जाएगा । इसलिए टिटहरि किसी पेड़ पर नहीं बैठती है, वह पूरी दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया की रक्षा के लिए एक संकल्प लिए है । इसलिए वह एक महान पंछी है उसको संपूर्ण विश्व की भौगोलिक व प्राकृतिक एवं विनाशकारी घटनाओं की जानकारी रहती है । और इसी तरह लोखई/लोमड़ी अगर जितने दिन बोलेगी उतने दिन उस वर्ष पानी की अच्छी बर्षा होती हैं अगर लोखई लोमड़ी रात को जनवरी फरवरी मार्च के महीनो में लोखई लगातार जितने इन महीनों में रात के समय अगर बोलती हैं तो तीन या चार माह बारिश निश्चियत होगी ऐसा अनुमान हमारे जनजाति सहरिया समाज के पूर्वज पुरखे लगाते थे कि टीटई और लोमड़ी का पक्का सोन होता है यानी सत्य बात है जिसको हमने भी कई बार सत्यापित करके देखा है। टिटहरि/ टिटई के अंडे ग्राम टिकटोंली बाग के एक खेत में सुरक्षित स्थान पर रखे हैं इसलिए
इस बार टिटहरि / टीटई के अंडों के अनुसार बर्षा करीब तीन साढ़े तीन महा होने का अनुमान हमारे बुजुर्ग लोग भी लगा रहे
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