सेवानिवृत्त वृद्ध लिपिक कर्मचारी पर डीएफओ द्वारा 307 का मामले ने पकडा तूल विरोध होते हुए देख आनन-फानन में डीएफओ ने बुलाई प्रेस वार्तापत्रकारों के सवालों से पीछे हटते देखे लबित भारतीय - The Sanskar News

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Friday, January 22, 2021

सेवानिवृत्त वृद्ध लिपिक कर्मचारी पर डीएफओ द्वारा 307 का मामले ने पकडा तूल विरोध होते हुए देख आनन-फानन में डीएफओ ने बुलाई प्रेस वार्तापत्रकारों के सवालों से पीछे हटते देखे लबित भारतीय

आनन-फानन में बुलाई प्रेस वार्ता पत्रकारों के सवालों में सफाई देते नजर आए डीएफओ लवित भारती


पत्रकारवार्ता में नार्को टेस्ट कराने के सवाल पर पीछे हटते दिखे डीएफओ 

दा संस्कार न्यूज़ 23 जनवरी 2021 

       पवन भार्गव प्रधान संपादक


लिपिक पर 307 के प्रकरण दर्ज किए जाने पर कर्मचारियों में भय का माहौल अगर वरिष्ठ अधिकारी इस तरह से पॉवर का इस्तेमाल करते हैं तो छोटे कर्मचारी अपनी पीड़ा कहां लेकर जाएं ऐसा पीड़ित परिवार का मानना है


पुलिस प्रशासन भी संदेह के घेरे में इतने आनन-फानन में कायमी ना कोई जांच एक ही पक्ष के कहने पर इतनी जल्दी ऐसा क्यों लेकिन अन्य छोटे-छोटे प्रकरणों की जांच 6 महीने तक अटकी रहती है लेकिन इसमें इतनी जल्दी 1 घंटे में पूरी जांच 307 की कहानी तुरंत गिरफ्तारी कर जेल 


शिवपुरी। 23 जनवरी शिवपुरी जिले के वन मंडलाधिकारी पर एक सेवा निवृत्त वृद्ध लिपिक कर्मचारी द्वारा पेट्रोल छिडककर आग लगाने का प्रयास करने की घटना बताकर वन मंडल अधिकारी द्वारा सेवा निवृत्त कर्मचारी पर पुलिस थाने में आपराधिक मामला धारा 307 के अंतर्गत पंजीवद्ध कराते हुये जेल भिजवा दिया गया। लेकिन एक वृद्ध कर्मचारी द्वारा उक्त कृत्य वास्तव में किया गया या नहीं यह वन मंडल कार्यालय के स्टाफ के अलावा कोई कहने वाला नहीं होने से आमजन द्वारा वन मण्डल अधिकारी एवं कार्यालय स्टाफ पर कई तरह के सवाल खडे हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार सेवा निवृत्त वृद्ध लिपिक कर्मचारी कैलाशनारायण भार्गव अपनी पेंशन फिक्सेशन वृद्धि को लेकर काफी दिनों से परेशान चल रहे थे। जिसकी वे वार वार गुहार लगाते हुये अपने विभागीय अधिकारियों को निवेदन कर रहे थे। बताया जाता है कि शिवपुरी वन मण्डलाधिकारी लवित भारती से भी वे कई बार इस संबंध में लिखित व मौखिक निवेदन कर चुके थे। फिर भी उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही थी। इसी क्रम में वन मण्डलाधिकारी द्वारा एक दर्शित घटना के तहत उन पर आरोप लगाते हुये धारा 307 का मामला पंजीवद्ध कराते हुये उन्हें जेल भेज दिया गया। चूंकि वृद्ध सेवा निवृत लिपिक कर्मचारी कैलाश नारायण भार्गव के द्वारा दर्शाई गई पेट्रोल छिडकने की घटना को ना तो सीसी टीव्ही केमरेां के माध्यम से देखा जा रहा है और ना ही वन मण्डल कार्यालय के स्टाफ के अलावा केाई और सवूत प्राप्त हो रहे हैें। जिससे आमजन द्वारा उक्त घटना को डीएफओ द्वारा लगाये गये मिथ्या आरोप माने जा रहे हैं। सेवानिवृत कर्मचारी श्री भार्गव के प्रति सदभावना रखने वालों ने इसे डीएफओ की चाल बताया और सामाजिक स्तर पर लोगों ने श्री भार्गव के समर्थन में खुलकर सामने आकर डीएफओ लवितभारती का विरोध करना प्रारंभ कर दिया। 


विरोध होता देख बुलाई पत्रकार वार्ता, पत्रकारों के सवालों में उलझे डीएफओ 

वृद्ध सेवा निवृत लिपिक विभागीय कर्मचारी पर पेट्रोल छिडककर आग लगाने का आरोप लगाते हुये मामला पंजीवद्ध कराकर जेल भिजवाने वाले शिवपुरी वन मण्डल अधिकारी लवित भारती ने उक्त मामले में जब जिले में जगह जगह अपना विरोध व कैलाश नारायण भार्गव का समर्थन होते देखा तो उन्होंने पत्रकारों के सामने स्थिति स्पष्ट करना उचित समझा और जनसम्पर्क के माध्यम से पत्रकार वार्ता बुलाई। लेकिन पत्रकार वार्ता के दौरान डीएफओ स्वयं सवालों के घेरे में उलझते चले गये। कई सवालों का जबाव सीधे सीधे ना देते हुये सफाई देते नजर आये। साथ जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि इस घटना का नार्को टेस्ट क्या आप कराने को तैयार हैं तो डीएफओ इस सवाल पर पीछे हटते नजर आये और उन्होंने इस सवाल का जबाव देना उचित नहीं समझा। 

सेवानिवृत्ति के समय किये गये फिक्सेशन को बडाने के लिये तीन साल से कर रहा था मांग 

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले के ग्वालियर वायपास स्थित जिला वनमंडलाधिकारी कार्यालय में डीएफओ लवित भारती पर उनके ही विभाग के सेवा निवृत कर्मचारी कैलाश नारायण भार्गव द्वारा पेट्रोल छिडककर आग लगाने का आरोप लगाया गया जबकि कर्मचारी द्वारा उक्त बात से साफ इन्कार करते हुये कहां गया कि वह तो पिछले तीन साल से ऑफिस के चक्कर काट रहा है। पूर्व लिपिक कैलाश नारायण भार्गव सेवानिवृत ने अपनी दांस्ता सुनाते हुये कहा कि उसका शासकीय नियमानुसार वेतन फिक्सेशन किया गया था। लेकिन वे अपने सेवानिवृति वेतन फिक्सेशन से संतुष्ट नहीं थे। इस कारण वे वार वार वन विभाग के अधिकारियों से वेतन फिक्सेशन वृद्धि किये जाने की मांग कर रहे थे परन्तु वन विभाग के अधिकारियों ने बढाकर वेतन फिक्सेशन करने से इंकार कर दिया तो वे नाराज तो थे परन्तु उन्होने किसी पर पेट्रोल या मिट्टी का तेल नहीं छिडका न ही किसी को आग लगाने की कोशिश कि।  


सीसीटीव्ही कैमरे होते तो सामने आती हकीगत

जहां एक और सरकार द्वारा प्रत्येक गली को निगरानी में रखने के लिये जगह जगह पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये गये है वहीं दूसरी और जिले के किसी भी कार्यालय में सीसीटीव्ही कैमरे न होने के कारण इस तरह की कई घटनायें केवल जानकारी के आधार पर ही निकलकर सामने आती है। कई वार कार्यालयों में हुई चोरिया और आगजनी की घटनाओं के पीछे के राज भी सीसीटीव्ही कैमरे न होने के कारण दबकर रह जाते है आज के इस मामले में भी हकीकत केवल वयां की जा रही है और सीसीटीव्ही कैमरे न होने कारण यह कहना मुश्किल है कि कर्मचारी अपने उपर मिट्टी का तेल छिडकने की घटना सही है अथवा मनगढंत। 

ब्राम्हण समाज ने सौंपा डीएफओ के खिलाफ ज्ञापन 

सेवानिवृत्त कर्मचारी कैलाश नारायण भार्गव पर डीएफओ द्वारा आपराधिक मामला पंजीवद्ध कराये जाने को झूठा एवं मनगढंत बताकर सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा डीएफओ लवित भारती के खिलाफ कार्यवाही करने केा लेकर ज्ञापन केविनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं केन्द्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह के नाम कलेक्ट्रेट जाकर सौंपा। इस ज्ञापन सौंपने के दौरान सैकडों की संख्या में ब्राम्हण समाज के लोग मौजूद थे। जो लवित भारती डीएफओ के खिलाफ नारेवाजी करते हुये शीघ्र कैलाश नारायण भार्गव की रिहाई की मांग कर रहे थे। 

इनका कहना है- 

हमारे ही विभाग में कार्यरत रहे सेवानिवृत्त कर्मचारी कैलाश नारायण भार्गव लिपिक को रिटायरमेंट के वाद शासन के नियमानुसार वेतन फिक्सेशन किया जाकर राशि प्रदान हो रही है। लेकिन वे बार बार अपने वेतन फिक्सेशन के बढाने की मांग करते रहे हैं। हमने कई बार उन्हें समझाया कि शासन के नियमानुसार सेवानिवृत्ति के बाद वेतन फिक्सेशन में वृद्धि किया जाना संभव नहीं है। लेकिन वे लगातार फिक्सेशन में वृद्धि की मांग करते रहे। हमारे कार्यालय में आकर उन्होंने मेरे ऊपर पेट्रोल छिडककर आग लगाने की कोशिश की।  वमुश्किल उन्हें आग लगाने से रोका गया। इस घटना की सूचना हमारे द्वारा संबंधित पुलिस थाना को दी जिस पर पुलिस ने संबंधित सेवानिवृत लिपिक के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला पंजीवद्ध कर जेल भेजने की कार्यवाही की है। 

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