किन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन? उल्लंघन करने पर क्या होगा? FAQ - The Sanskar News

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Monday, November 9, 2020

किन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन? उल्लंघन करने पर क्या होगा? FAQ

किन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन? उल्लंघन करने पर क्या होगा? FAQ



किन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन? उल्लंघन करने पर क्या होगा? FAQ
किन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन? उल्लंघन करने पर क्या होगा? FAQ
भारत

उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है. इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से कई राज्यों ने दिवाली, काली पूजा और छठ पूजा से पहले पटाखों पर बैन लगा दिया है. दुनियाभर में हुईं कई शुरुआती स्टडीज से पता चला है कि प्रदूषित हवा और कोरोना वायरस संक्रमण की तीव्रता में सीधा संबंध हो सकता है.

तो किन राज्यों ने पूरी तरह से पटाखों पर बैन लगाया है? क्या इस बैन से असल में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी? जानिए-

किन राज्यों ने पूरी तरह से पटाखों पर बैन लगा दिया है?

  • दिल्ली
  • पश्चिम बंगाल
  • ओडिशा
  • राजस्थान
  • सिक्किम

इन राज्यों ने बैन क्यों लगाया?

5 नवंबर को दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखों पर बैन का ऐलान किया. दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया.

सिक्किम, ओडिशा और राजस्थान की सरकारों ने भी 'पब्लिक और कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के स्वास्थ्य' की सुरक्षा के लिए बैन लगाया.

मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में क्या नियम हैं?

मुंबई: BMC ने अपने अधिकारक्षेत्र में आने वाली सार्वजनिक और निजी जगहों पर पटाखों को बैन कर दिया है. दिवाली पर रात 8 से 10 बजे के बीच बिना आवाज वाले पटाखों को अनुमति होगी.

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने दिवाली पर दो घंटे के लिए पटाखों की इजाजत दी है. लोग सुबह 6 से 7 और रात 7 से 8 बजे तक पटाखे जला सकते हैं.

बेंगलुरु: कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने पहले पटाखों पर बैन लगाया था, लेकिन विरोध के बाद वापस ले लिया. अब सरकार ने सिर्फ दिवाली पर ग्रीन पटाखों को इजाजत दी है.

पटाखे दिल्ली में बैन हैं, तो क्या गुरुग्राम और नोएडा में जला सकते हैं?

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में 9 नवंबर की आधी रात से 30 नवंबर आधी रात तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर बैन लगाया है. हालांकि, हरियाणा और यूपी सरकार ने पटाखों पर बैन नहीं लगाया है, फिर भी गुरुग्राम और नोएडा के लोग कानूनी तौर पर पटाखे बेच या जला नहीं सकते.

हरियाणा सरकार ने कहा है कि दिवाली और गुरुपूरब पर रात 8 से 10 बजे के बीच पटाखे जलाने की इजाजत होगी. वहीं, क्रिसमस और नए साल की संध्या पर रात 11:55 से 12:30 तक पटाखों की अनुमति होगी.

बैन के बावजूद पटाखे जलाने पर क्या होगा?

IPC के सेक्शन 188 के तहत एक पब्लिक सर्वेंट के आदेश को न मानने के मामले में केस दर्ज होगा. इसमें एक महीने की जेल या 200 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है.

हालांकि, आदेश न मानने की वजह से किसी इंसानी जान, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा होता है तो उस व्यक्ति को छह महीने की जेल, 1000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है.

क्या पटाखों पर बैन से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी?

पर्यावरण एक्टिविस्ट वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए लॉन्ग-टर्म पॉलिसी की मांग करते आए हैं. उनका कहना है कि इस साल पटाखों पर बैन जरूरी है क्योंकि देश कोरोना वायरस से भी लड़ रहा है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण की वजह से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं और मौत का खतरा बढ़ सकता है.

NDTV से बात करते हुए अपोलो स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स में पल्मोनोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉ रविंद्र मेहता ने कहा:

“ये बात सब जानते हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है और प्रदूषण से कोरोना वायरस बढ़ेगा. जो लोग संक्रमण से रिकवर कर रहे हैं और फेफड़ों की परेशानी से जूझ रहे हैं, उन्हें ज्यादा दिक्कत होगी. इस वजह से दिवाली पर पटाखों पर कमी होनी चाहिए. 

ग्रीन पटाखे क्या होते हैं? क्या उनको अनुमति है?

2018 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में ग्रीन पटाखे की डेफिनिशन बताई गई है: ऐसा पटाखा जिसमें एश का इस्तेमाल पार्टिकुलेट मैटर को 15-20 फीसदी कम कर दे, लो एमिशन हो जिससे पॉल्युटेंट में 30-35 फीसदी की कमी आए, NOx और SO2 में महत्वपूर्ण कमी हो और लेड, मरकरी, लिथियम, आर्सेनिक और एंटिमनी जैसे प्रतिबंधित केमिकल न हों.

कर्नाटक जैसे राज्यों ने ग्रीन पटाखों को इजाजत दी है.

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