न्यूज़ बाय दीपक शाक्य पोहरी ब्यूरो चीफ
शिवपुरी-‘‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम‘‘ 28 सितंबर से प्रारंभ होकर 7 अक्टूबर तक चलेगा। कार्यक्रम समुदाय स्तर पर समस्त आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना एवं कैम्पेन मोड सर्विस के अन्तर्गत 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों का कृमि नाशन किया जाना अत्यन्त आवश्यक हैं। इस हेतु समुदाय आधारित घर-घर भ्रमण रणनीति से स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्त्ताओं को प्रशिक्षित कर और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुये कार्यक्रम संचालित किया जावेगा।
कृमि संक्रमण के लक्षण एवं दूष्प्रभाव
कृमि मनुष्य की आन्त में रहते है और रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं। लक्षण- गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख ना लगना। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, बच्चे में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होगें।
संक्रमण का संचारण चक्र
संक्रमित बच्चें के शौच में कृमि के अंडे होते है। खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं बच्चे नंगे पैर चलने से गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढ़का हुआ भोजन खाने से लार्वा के संपर्क में आने संक्रमित हो जाते हैं।
कृमि संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण
कृमि संक्रमण का निवारण कृमि नाशन गोली (एल्बेंडाजॉल) का आयु अनुसार सेवन यह सुरक्षित एवं लाभकारी हैं नाखून साफ रखें,हमेशा साफ पानी पीएं,खाने को ढ़क कर रखे,फल एवं सब्जी पानी से धोऐं, आसपास सफाई रखें,जूते पहने,खुले में शौच ना करें,अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद।
एल्बेंडाजॉल की गोली
01 से 02 साल के बच्चों को आधी गोली जिसे घर से लायें हुई चम्मच से पीस कर चूरा बनाकर साफ पानी में मिलाकर देना 02 से 03 साल के बच्चों को पूरी गोली चूरा बना कर साफ पानी से देना, 03 से 19 आयु के बच्चों को एक गोली चबाकर खाने को कहना साफ पानी पीये। कोविड-19 सुरक्षा उपायों के साथ कार्य करना जैसे- एएनएम, आगंनवाडी,आशा मैदानी कार्यकर्ता कार्यक्रम के अन्तर्गत गृह भ्रमण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना। फेस कवर या मास्क का प्रयोग अनिवार्यतः किया जाना। कार्यकर्ता द्वारा अपने हाथों को अच्छी तरह से साबून व साफ पानी से अथवा सेनेटाजर से साफ करने के उपरांत ही बच्चों को एल्बेडाजॉल की गोली का सेवन कराया जाए। गोली खिलाने से पूर्व कोविड-19 के लक्षण के बारे में जानकारी लें। बच्चे की अनुपस्थिति में अभिभावक, पालक को गोली खिलाने न दी जाए। कोविड-19 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में कार्यरत मैदानी कार्यकर्त्ताओं को कृमिनाशन गतिविधि में सम्मिलित न किया जाएगा। प्रतिकूल घटना की जानकारी तत्काल नोडल अधिकारी को दी जाये।
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