कोलारस-इन दिनों लॉक डाउन के बीच कोलारस ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश से लेकर देश एवं कई देशों के लोग अपने घरों के अंदर कोरोना वायरस से बचने के लिये कैद है। लॉक डाउन की समाप्ती के बाद मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रियों की शपथ ग्रहण होगी। उसके बाद निगम मण्डलों में भाजपा नेता, आरएसएस के लोग तथा सिंधिया समर्थक भाजपा की सदस्ता लेने वाले नये भाजपाईयों को मंत्री मण्डल तथा निगम मण्डलों में स्थान मिलना तय है। सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हो रही है। उसके अनुसार लॉक डाउन की समाप्ति के चंद दिनों बाद मंत्री मण्डल का बिस्तार होगा। जिसमें भाजपा संगठन, सिंधिया समर्थक नवीन भाजपाई, आरएसएस से जुडे भाजपाई तीनों को 33-33 प्रतिशत मंत्री मण्डल एवं निगम मण्डलों में स्थान मिल सकता है। वर्तमान में लॉक डाउन के चलते सभी काम बंद है। लॉक डाउन की समाप्ति के बाद जैसे ही मंत्री मण्डल एवं निगम मण्डलों का गठन होगा उसके बाद यह तह होगा की कोलारस में भाजपा के नय एवं पुराने कार्यकर्ताओं में से किस कार्यकर्ता को निगम , भाजपा संगठन से लेकर सत्ता में दखल देने यानि की परगने का नम्बर वन भाजपा नेता तथा आगामी तीन वर्ष बाद होने वाले विधानसभा के चुनाव में टिकिट मिलेगा इसके लिये हमें मंत्री मण्डल विस्तार, संगठन विस्तार, निगम मण्डल विस्तार के बाद पता चलेगा कि सत्ता में कोलारस के तीन प्रमुख भाजपा नेताओं में सबसे आगें कौन रहने वाला है।
वीरेन्द्र रघुवंशी विधायक कोलारस-कोलारस विधानसभा क्षेत्र से सत्ताधारी भाजपा के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी है। सत्ता में भाजपा के आने से रघुवंशी का कद बडने के साथ-साथ प्रशासन पर पकड भी मजबूत होगीं। मंत्री मण्डल में वीरेन्द्र रघुवंशी को स्थान मिलता है। या नहीं अभी कुछ भी कह पाना सम्भाव नहीं है। किन्तु इतना आवश्य तय है। कि भाबी मंत्री नरोत्तम मिश्रा से नजदीकी तथा सत्ता में भाजपा की बापसी से वीरेन्द्र रघुवंशी की पकड प्रशासन पर मजबूत आवश्य होगी। केन्द्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाजपा में पकड तथा प्रदेश से लेकर जिले में यशोधरा राजे की पकड मजबूत होने के कारण कोलारस विधायक रघुवंशी को पग-पग पर राजनैतिक समस्यायें आवश्य पैदा हो सकती है।
महेन्द्र यादव पूर्व विधायक कोलारस- महेन्द्र यादव इनके पिता एवं स्वयं विधायक रहे चुके है। कोलारस विधानसभा से सिंधिया की सूची में महेन्द्र यादव का नाम सबसे आगे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्र की राजनिति में जाते है। तो ऐसी स्थिति में महेन्द्र यादव पूर्व विधायक को निगम मण्डल अथवा भाजपा संगठन में आने वाले समय में स्थान मिलना तय है। लॉक डाउन के बाद जैसे ही विस्तार होगा। केन्द्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा प्रदेश में यशोधरा राजे सिंधिया मिलकर कोलारस में महल तथा भाजपा के लिये महेन्द्र यादव को आगे बडाने के लिये पूरा - पूरा प्रयास कर सकते है। जिसका परिणाम हमें लॉक डाउन समाप्ति के बाद नजर भी आ सकता है।
रामस्वारूप रिझारी भाजपा नेता कोलारस- कोलारस विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता रामस्वारूप रिझारी भाबी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के करीबी माने जाते है। भाजपा के मंत्री मण्डल विस्तार तथा लॉक डाउन के बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र से जो तीन भाजपा के नतेा उभरकर सामने आयेंगे उनमें राजस्वारूप रिझारी का नाम भी प्रमुखता के साथ दिखाई दे रहा है। दो जिला पंचायत वार्डो तथा मण्डी वार्ड से पूर्व में चुनाव जीतकर अपनी तागत दिखाने वाले तथा समाज के नेताओं के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाकर यशोधरा राजे सिंधिया को अपना नेता मानने वाले रामस्वारूप रिझारी कोलारस विधानसभा क्षेत्र से यशोधरा राजे समर्थक नेता माने जाते है। जिसका लाभ उन्हें भाजपा की सत्ता में आने तथा यशोधरा राजे सिंधिया के मंत्री मण्डल शामिल होने के बाद रामस्वारूप रिझारी का कद बडने के साथ कोलारस विधानसभा से मूल भाजपाई होने तथा यशोधरा राजे समर्थक होने का लाभ संगठन में अच्छे पद के रूप में मिल सकता है।
इसी बीच कई संगठन के नेता भी लगेंगे लाइन में इनमें प्रमुख रूप से विपिन खैमरिया आलोक बिंदल
अगर संगठन को महत्व देते हैं तो इन नेताओं को जिम्मेदारी मिलना भी लगभग तय है फिर भी कोलारस विधानसभा के लिए सुल्तान जोड़-तोड़ काफी जोर-शोर से देखने को मिलेगी फिर भारतीय जनता पार्टी को जातीय समीकरण बैठाने मैं भी काफी मशक्कत करनी पड़ेगी अब देखना है आगे आगे होता है क्या यह तो संगठन का विस्तार होने के बाद ही पता चलेगा किसको क्या मिलता है लेकिन खींचतान जरूर होगी विरोधाभास भी सामने आएगा
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