
हैदराबाद। देश में कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों का काफी नुकसान हुआ है। दिहाड़ी पर नौकरी कर के अपना पेट पालने वाले मजदूरों के सामने अब आजीविका की बड़ी समस्या है। देशभर से कई लोगों ने गरीबों की आर्थिक मदद के लिए पीएम केयर्स फंड में दान किया है। आज हम आपको एक 11 साल की उस लड़की के बार में बताने जा रहे हैं जिसने लॉकडाउन के दौरान संकटग्रस्त लोगों का पेट भरने के लिए 9.4 लाख रुपये जुटाए।
हैदराबाद की रहने वाली 11 वर्षीय रिधि की इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रहा है।

गरीबी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए जुटा रही पैसे
कक्षा 6वीं की छात्रा रिधि ने इस कठिन समय में गरीबी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए अपनी बचत से पैसे जोड़ने शुरू किए, इसके अलावा रिधि ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी दान देने की अपील की। शुरुआत में रिधि ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को 550 रुपए का राशन किट देने का फैसला किया जिसमें 5 किलो चावल, 1 किलों नमक, मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर के पैकेट, 1 लीटर खाने का तेल, 1 किलो दाल और दो साबुन की टिकिया थीं।
दोस्तों और रिश्तेदारों से की अपील
रिधि मां शिल्पा राव ने बताया कि जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो उनकी बेटी आने वाले दिनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिंतित थी। लेकिन जब उनसे गरीब और संकटग्रस्त लोगों के बारे में सुना तो उनसे अपनी चिंता छोड़कर उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए राशन किट की आपूर्ति करने के बारे में विचार बनाया। रिधि ने कहा, 'मैंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से अनुरोध किया कि वह आर्थिक मदद दें, क्योंकि मैं उन्हें यह बताना चाहती थी कि बहुत से लोग भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।'

1,000 राशन किट बांटने वाली है रिधि
रिधि की मां ने बताया कि 2 अप्रैल को उनकी बेटी रिधि ने साइबराबाद पुलिस की मदद से 200 आवश्यक किट दान में दिए। उसके बाद छात्रा ने हैदराबाद के लोगों को 725 किट वितरित किए। अब वह वह जल्द ही आने वाले दिनों में 1,000 और किट वितरित करेगी। शिल्पा राव आगे बताती हैं कि एक दिन हम गरीबों को राशन किट दान कर रहे थे लेकिन सामान खत्म हो गया और कई लोग किट से वंचित रह गए। उस समय रिधि ने पूछा कि हम और पैसे क्यों नहीं जुटा सकते।
रिधि की अपील पर 9.4 लाख रुपये जुटा लिए गए
इसके बाद उन्हें क्राउडफंडिंग वेबसाइट, 'मिलाप' के बारे में पता चला जहां उन्होंने मदद के लिए अपील की है ताकि दिहड़ी मजदूरों की मदद की जा सके। बता दें कि लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी मजदूरों की नौकरी चली गई है और उनके पास जीवन व्यापन के लिए जरूरी सामान खरीदने के भी पैसे नहीं हैं। रिधि की अपील पर 9.4 लाख रुपये जुटा लिए गए हैं, इन पैसों का इस्तेमाल गरीब और मजदूरों के लिए राशन खरीदने में किया जाएगा।

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