ग्राम पारागड गांव में आदिवासी रमेश की दोनों पुत्री झोपड़ी में आग लगने से जिंदा जली मुस्कान 8 वर्ष एवं लाडो 5 वर्ष की मौके पर ही मौत
कोलारस थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पारागढ़ में गत दिवस देश के प्रधानमंत्री के संदेश अनुसार शाम 9:00 बजे रमेश पुत्र देव सिंह आदिवासी खुशी खुशी उत्साह पूर्वक दीपक जलाया और उसे घास फूस की झोपड़ी के दरवाजे पर रखकर अपने परिवार के साथ सो गया करीबन रात्रि 11:00 बजे झोपड़ी में आग की सुगबुगाहट रमेश की पत्नी को लगी पतली जोर से चिल्लाई सभी लोग घबराहट मैं छोटे एवं अपने बच्चों को बाहर निकाला रमेश एवं उसकी पत्नी ने तीन लड़की एवं दो लड़कों को तो बाहर निकाल दिया लेकिन दो मासूम उसके अंदर ही रह गई मुस्कान 8 वर्ष और लाडो 5 वर्ष झोपड़ी के अंदर ही चीखती चिल्लाती रही जब तक आग ने पूरी झोपड़ी को अपने आगोश में ले लिया और दोनों मासूम बच्चियां जिंदा झोपड़ी के अंदर ही जल गई एवं एक लड़का सतीश आग में 16 गया जिसको उपचार के लिए कोलारस उपचार के लिए भेज दिया ।
दोनों बच्चियों के शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की रमेश आदिवासी से पूछताछ की किसी अनहोनी की आशंका व्यक्त की जा रही है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा
रमेश आदिवासी मूल तक खैरौना रन्नौद का निवासी निवासी है पारा गढ़ में दिहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पाल रहा था डूंगरपुर निवासी सरदार गुरुदयाल पुत्र बरण सिंह के फार्म पर झोपड़ी बनाकर रह रहा था
मौके पर जाकर तहसीलदार एवं पटवारी ने मोआना किया एवं रमेश आदिवासी को सहायता देने का आश्वासन दिया
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