15 मार्च 2020 संस्कार न्यूज़

- ग्वालियर में चिकन का रेट घटा, पर्यटन उद्योग पर भी पड़ रहा असर, मंडला में फ्री में बांट रहे हैं मुर्गे
- मार्च में ग्वालियर आने वाले 56 विदेशी समूहों ने ग्वालियर आने का टूर कैंसिल कर दिया है
- यात्रा रद्द होने से शहर के पर्यटन उद्योग को 5.50 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है
ग्वालियर. ग्वालियर जिले के बरई गांव में एक अज्ञात ट्रक बड़ी संख्या में मुर्गी के बच्चे (चूजे) छोड़ गया। इनमें कुछ चूजे जिंदा हैं, लेकिन बड़ी संख्या में मर चुके हैं। गांव वालों को डर है कि कहीं इनसे कोई बीमारी न फैल जाए। बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस के डर से मुर्गी के चूजे छोड़े गए हैं। लोगों में इसे लेकर डर है कि कहीं इससे बीमारी न फैल जाए। वहीं ग्वालियर में कोरोनावायरस के डर से टूरिज्म इंडस्ट्री को झटका लगा है तो शहर में लोग सावधानी बरतने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं। भारतीय पर्यटन संस्थान ने छात्रों के टूर कैंसिल कर दिए हैं। वहीं इस माह प्रस्तावित 56 विदेशी टूरिस्ट ग्रुप ने भी अपनी यात्राएं टाल दी हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के आदेश से ग्वालियर में स्कूल-कॉलेज बंद हैं, इसके साथ ही सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। वहीं शनिवार को ग्वालियर शहर से लगे गांव बरई में एक ट्रक चूजे छोड़ने की वजह से गांव के लोगों में बीमारी फैलने की आशंका को लेकर दहशत है। मरने के बाद भी मुर्गी के बच्चे खुले में पड़े हैं और कोई इस पर गौर नहीं कर रहा। वहीं ग्वालियर शहर में चिकन के रेट घटकर 20 किलो कर दिए गए हैं। शहर में मांसाहार का सेवन करने वाले भी अब इससे परहेज कर रहे हैं, सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है। वहीं शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मंडला में चिकन शॉप वाला फ्री में मुर्गा बांटता हुआ देखा जा सकता है।
404 छात्रों के टूर कैंसिल, 400 यात्रियों ने रेल टिकट निरस्त कराए
कोरोना वायरस का असर शहर के पर्यटन उद्योग पर दिखने लगा है। मार्च में 56 ग्रुप ग्वालियर आने वाले थे। इन सभी ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। इसका असर पर्यटन स्थलों के अलावा होटल और ट्रांसपोर्ट पर पड़ा है। यात्रा रद्द होने से शहर के पर्यटन उद्योग को 5.50 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। उधर, ट्रेनों में पहले से आरक्षण कराने वाले यात्रियों द्वारा टिकट निरस्त कराने की संख्या शुक्रवार को एकाएक बढ़ गई। स्थिति ये बनी कि रेलवे के आरक्षण काउंटरों पर टिकट निरस्त करने के बाद यात्रियों को लौटाने के लिए कैश कम पड़ गया। काउंटरों को चलाने के लिए स्टाफ को बुकिंग से 30 हजार रुपए अतिरिक्त लेना पड़े।
पर्यटन पर भी असर
मप्र राज्य पर्यटन निगम के होटलों के लिए की गई बुकिंग पर भी असर पड़ा है। मार्च के आखिरी दिनों में इटली के सदस्यों ने यहां दस दिन की बुकिंग कराई थी, लेकिन अब उनका आना कैंसिल हो गया है। ये लोग ग्वालियर के साथ ओरछा, खजुराहो, चंदेरी और शिवपुरी भी जाने वाले थे। सभी जगह का कार्यक्रम निरस्त होने से पर्यटन उद्योग को डेढ़ लाख रुपए का नुकसान होगा। पर्यटन निगम के अफसरों के मुताबिक, विदेश के साथ ही देशी पर्यटक भी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं।
पर्यटन की पढ़ाई करने वाले छात्रों के टूर कैंसिल
ट्रेवल ब्यूरो के मैनेजर प्रसन्ना माथुर का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से ग्रुप और परिवारों के साथ आने वाले विदेशी पर्यटकों ने प्रोग्राम को कैंसिल कर दिया है। ऐसे ग्रुपों की संख्या 56 है। उधर, भारतीय यात्रा एवं पर्यटन संस्थान में पढ़ने वाले एमबीए के 154 छात्र इसी माह मनाली और नार्थ-ईस्ट जाने वाले थे, जबकि बीबीए के 250 छात्र चेन्नई टूर प्रस्तावित था। दोनों के टूर प्रोग्राम कोरोना वायरस के चलते रद्द कर दिए गए हैं।

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