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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 12-15 लोग तलवार लेकर आएंगे, मार-काट करेंगे तो उनकी आरती नहीं उतारी जाएगी। आगजनी और तोड़फोड़ करने, कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। नोट कर लें, गलतफहमी है तो दिमाग से निकाल लें, कयामत का दिन कभी नहीं आने वाला।
विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष और सीएए विरोधी आंदोलनकारियों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार सबका विकास करेगी लेकिन तुष्टकरण किसी का नहीं करेगी। सभी अपनी परंपराओं के अनुसार त्योहार मनाएं लेकिन दूसरे के मामलों में दखल देंगे तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार में पुलिस लाइन में जन्माष्टमी नहीं मनाई जाती थी, कांवड़ यात्रा में डीजे नहीं बजा सकते थे। हमने दोनों परंपराओं को फिर शुरू किया। पिछली सरकार में हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ की जाती थी, उन्हें चिढ़ाया जाता था। पिछली सरकार को कांवड़ लाने वाले शिवभक्तों की ड्रेस से चिढ़ थी।
अयोध्या में दीपोत्सव में 5.50 लाख श्रद्धालु शामिल हुए। मथुरा में रंगोत्सव में लाखों लोग शमिल हुए। कुंभ में 25 करोड़ लोगों ने भागीारी की। माघ मेले में ढाई-तीन करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सबको बोलने की स्वतंत्रता है। सरकार संवाद में विश्वास करती है। हम प्रदेश में बेहतर वातावरण बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। प्रदेश के बारे में धारणा बदली है। हम किसी का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं छीन रहे हैं लेकिन लोकतांत्रिक अधिकारों की आड़ में तोड़फोड़ व आगजनी की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। जो ऐसा करेगा उसे इसकी भरपाई करनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यहां सीएए समर्थक बैठे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे देश की छवि खराब करके क्या पाना चाहते हैं ? आगजनी, तोड़फोड़ करने व निर्दोषों को निशाना बनाकर वे क्या साबित करना चाहते हैं?
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