कोलारस तहसील के ग्राम खरई पर बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक संचालित करते डॉक्टर। स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की कार्रवाई। - The Sanskar News

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Friday, February 21, 2020

कोलारस तहसील के ग्राम खरई पर बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक संचालित करते डॉक्टर। स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की कार्रवाई।





कोलारस तहसील के ग्राम खरई पर बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक संचालित करते डॉक्टर। स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की कार्रवाई।

कोलारस तहसील के ग्राम खरई  पर बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक संचालित करते डॉक्टर।

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की कार्रवाईशिवपुरी तहसील के ग्राम खरई  में किराना जैसी दुकानों के अंदर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। विजय जाटव का  कहना है कि खरई में कई ऐसे क्लिनिक संचालित किए जा रहे हैं जहां झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है। कुछ झोलाछाप डॉक्टरों ने खुद के मेडिकल स्टोर भी खोल रखे हैं जहां बेहद सस्ते दामों में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं को दस गुना कम की बजाय महंगे दामों में बेचकर मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इसके अलावा कई अवैध संचालित हैं, जिनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। स्थिति यही रही तो किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।

खरई में फर्जी डॉक्टर और बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे क्लीनिक।
दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों ने भी हर गली-मोहल्ले में अपने क्लीनिक खोल लिए हैं। जहां वह अधिक पैसों में ब्रांडेड दवाओं के साल्ट की सस्ती जेनेरिक दवाओं से मरीज का उपचार कर उनके जीवन से खिलवाड़ करने में लगे हैं। लेकिन लंबे समय से संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किए जाने से इनकी संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।

मालूम हो कि हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर रोक लगाने राज्य शासन को निर्देश दिए थे। लेकिन उसके बाद शिवपुरी के कोलारस तहसील के ग्राम खरई क्षेत्र में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं संबंधित विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे इनके हौंसले बुलंद हो रहे हैं। स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी यह लोगों का इलाज कर रहे है। यह सब स्वास्थ विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रियता को सामने लाता है। जब झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से मरीज के साथ कोई घटना घटित होती है। तब शासन प्रशासन और स्वास्थ विभाग जागता है और उसके बाद एक या दो झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा डालकर अपनी जिम्मेदारी पूर्ण कर ली जाती है।

बिना जांच के फर्जी डॉक्टर दे रहे मरीजों को दवाएंखरई की गली मोहल्लों में संचालित झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों पर इन दिनों बिना किसी जांच के गांवों से आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गली मोहल्लों में संचालित क्लीनिकों पर झोलाछाप डॉक्टर नब्ज देखकर ही दवाइयां देना शुरू कर देते हैं, जिससे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। वहीं मेडिकल साइंस और दवाओं के बारे में कोई जानकारी न होने के बावजूद झोलाछाप हर मर्ज का शर्तिया इलाज करने का दावा करते नहीं थकते। इनसे इलाज कराने वाले लोगों को फायदा तो नहीं होता, बल्कि उनका मर्ज और बढ़ जाता है। कई बार जान पर बन आती है। कुछ ऐसे झोलाछाप भी हैं, जो बड़े डॉक्टरों के नर्सिंग होम में कुछ दिन कंपाउंडरी करने के बाद अब क्लीनिक चला रहे हैं। वहीं मेडिकल साइंस और दवा के बारे में कोई जानकारी न होने के बावजूद झोलाछाप हर मर्ज का शर्तिया इलाज करने का दावा करते नहीं थकते।

ग्रामीण इलाकों में मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़कोलारस तहसील के ग्राम खरई  में दस से अधिक बिना मान्यता के क्लीनिक और फर्जी डॉक्टर मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में भी भरमार है। गांव में बिना चेकअप के पहले मरीज को दवा दी जाती है। मलेरिया, पीलिया, हैजा, खांसी-जुकाम, टायफाइड जैसी बीमारियों को सही करने की गारंटी तक ले लेते हैं। जिससे मरीज इन डॉक्टरों के झांसे में आ जाते हैं और जब तबियत अधिक बिगड़ती है तो दूसरे अस्पतालों में जाने की सलाह देकर पल्ला झाड़ने लगते हैं। जबकि हकीकत यह है कि मरीजों को अधिक रुपए देकर भी सही इलाज नहीं मिल पाता है।
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द संस्कार न्यूज
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