बदरवास के बहुचर्चित मोदी तेरे टुकड़े होंगे कांड पर उच्च न्यायालय का आदेश आया
शिक्षक घनश्याम शर्मा को सभी चार्जों से मुक्त किया
बदरवास में संचालित बीटी स्कूल के संचालक शिक्षक घनश्याम शर्मा की क्लास के एक वीडियो के एक हिस्से के वायरल होने पर भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ वर्ष 2018 में आईटी एक्ट की धारा 66, 153अ तथा देशद्रोह की धारा 124अ के तहत बदरवास थाने में अपराध क्रमांक 235/2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और शिक्षक को 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर जेल भेज दिया गया था।
उसके बाद सेशन कोर्ट ने बिना वीडियो के दर्ज एफआईआर और शिक्षक के रिकॉर्ड के आधार पर जमानत प्रदान की थी।
शिक्षक घनश्याम शर्मा ने अक्टूबर 2018 में ही मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उन पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने हेतु याचिका दायर की थी। घनश्याम शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल में भगतसिंह जयंती पर आयोजित प्रेजेंटेशन डे (बालसभा) में उनके द्वारा भगवान श्रीराम पर लिखी कविता पर 59 मिनिट का नाट्यमंचन हुआ था जिसके 5-6 मिनिट के हिस्से को अर्थ का अनर्थ कर वायरल किया गया था।
सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने 26 मार्च 2018 को दोनों पक्षों को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के समक्ष उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज करने हेतु निर्देशित किया था। दोनों पक्षों द्वारा पैरवी कर रहे वकीलों की दलीलों को सुनने के पश्चात पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र के केसेस में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्रीअरविन्द धर्माधिकारी ने गत 6 जनवरी 2020 को शिक्षक घनश्याम शर्मा को सभी चार्जों से मुक्त कर उन पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश जारी किया।
शिक्षक घनश्याम शर्मा की ओर से पैरवी ग्वालियर के अधिवक्ता सुनील जैन ने की।
शिक्षक घनश्याम शर्मा ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका पर जारी आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्यं सदा सुन्दरं। घनश्याम शर्मा ने बदरवास के नागरिकों और बीटी स्कूल के अभिभावकों, मीडिया बंधुओं का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में हमारा साथ दिया और षड्यंत्रकारियों द्वारा फैलाये गए भ्रमों और अफवाहों पर ध्यान न देकर हमारे पुनीत कार्यों को संबल प्रदान किया और हमारे शब्दों के अर्थ के साथ-साथ हमारे भावों को समझा। शिक्षा तोड़ने का नहीं जोड़ने का काम करती है।
घनश्याम शर्मा ने कहा कि उस समय बीटी स्कूल को जेएनयू के बाद दूसरा शिक्षा संस्थान बताया गया था लेकिन बीटी स्कूल जेएनयू नहीं कौटिल्य कैंपस के बाद देश का दूसरा शिक्षा संस्थान है जो सीमित संसाधनों और विपरीत परिस्थितियों में उत्कृष्ठ शैक्षणिक परिणाम देते हुए आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के साथ श्रेष्ठ भारतीय जीवन मूल्य, कौशलविकास और ज्ञान आधारित शिक्षा देकर वंडरकिड्स तैयार कर रहा है जो भारतट्रांसफॉर्मर्स बनेगें।
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