संस्कार न्यूज़, 19 जनवरी 2020

बहू को विदा करते सास-ससुर -
बेटे की मौत के डेढ़ साल के बाद सास-ससुर ने अपनी युवा बहू के हाथ पीले कर अपने गांव से ही उसकी डोली को विदा किया। अचानक हुए हादसे में घर का चिराग मां-बाप और युवा पत्नी को हमेशा के लिए छोड़कर चला गया था।
हिमाचल के मंडी जिले के उपमंडल की रखोह पंचायत केसंतोषी देवी और ब्रह्मदास ने अपनी 31 वर्षीय बहू की शादी तय की और उसे डोली में बैठाकर उसके ससुराल तक पहुंचाया।
तमाम रस्मों को लड़की के सास-ससुर ने माता-पिता की तरह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार निभाया। गांव के मंदिर में सगे संबंधियों की उपस्थिति में बहू का विवाह करवाया।
हिमाचल के मंडी जिले के उपमंडल की रखोह पंचायत केसंतोषी देवी और ब्रह्मदास ने अपनी 31 वर्षीय बहू की शादी तय की और उसे डोली में बैठाकर उसके ससुराल तक पहुंचाया।
तमाम रस्मों को लड़की के सास-ससुर ने माता-पिता की तरह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार निभाया। गांव के मंदिर में सगे संबंधियों की उपस्थिति में बहू का विवाह करवाया।

गौरतलब है कि शादी के चार वर्ष बाद ब्रह्मदास के युवा बेटे की एक हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने डेढ़ साल तक अपनी बहू को बेटी की तरह रखा और हमीरपुर जिले के चबूतरा गांव के नरेंद्र कुमार पुत्र फितूरी राम के साथ उसकी शादी तय की।
शुक्रवार को विवाह के मौके पर ब्रह्मदास और संतोषी देवी ने अपने घर में धाम का भी आयोजन किया। पूरे क्षेत्र में इस पावन कृत्य की प्रशंसा हो रही है। एसडीएम जफर इकबाल, डीएसपी चंद्रपाल सिंह, तहसीलदार दीनानाथ यादव, समाजसेवी नरेंद्र गुप्ता, ज्ञानचंद, विनोद कुमार, कुलदीप सिंह ठाकुर सहित अन्य लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नव विवाहित दंपती को शुभकामनाएं दी हैं।
शुक्रवार को विवाह के मौके पर ब्रह्मदास और संतोषी देवी ने अपने घर में धाम का भी आयोजन किया। पूरे क्षेत्र में इस पावन कृत्य की प्रशंसा हो रही है। एसडीएम जफर इकबाल, डीएसपी चंद्रपाल सिंह, तहसीलदार दीनानाथ यादव, समाजसेवी नरेंद्र गुप्ता, ज्ञानचंद, विनोद कुमार, कुलदीप सिंह ठाकुर सहित अन्य लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नव विवाहित दंपती को शुभकामनाएं दी हैं।
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