पीसीसी चीफ के लिए बाला बच्चन, सज्जन सिंह, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह और अरूण यादव के नाम चर्चा में
संस्कार न्यूज़ ,11 जनवरी 2020
पवन भार्गव
भोपाल। यह लगभग तय हो गया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिंधिया की ताजपौशी नहीं होगी। सिंधिया के नाम का विरोध मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। लेकिन सिंधिया को संतुष्ट करने के लिए पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया है। जिससे सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच चल रही खटपट अब दूर होने की उम्मीद है। जहां तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद का सवाल है, इस पद पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के किसी करीबी की नियुक्ति हो सकती है। उम्मीद है कि मार्च माह तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद का फैसला हो जाएगा।
मार्च माह में प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटें रिक्त हो रही हैं। वर्तमान मेें इनमें से दो सीटें भाजपा के पास हैं-ये हैं प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया तथा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह राज्यसभा सदस्य हैं। इन तीन सीटों के रिक्त होने पर जिस तरह से विधानसभा का गणित है, उससे दो सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। एक सीट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उम्मीदवार हैं और जहां तक दूसरी सीट का सवाल है सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने इसके लिए पूर्व सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तय किया है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि सिंधिया और उनकी लॉबी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अड़ी हुई थी। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सत्ता के दो केंद्र बनने की आशंका के कारण सिंधिया की ताजपौशी के खिलाफ में थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के झगड़े के कारण कई बार सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा भी खोला था। जिससे पार्टी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। ऐसे में सिंधिया को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने तय किया है कि सिंधिया को राज्यसभा में भेजा जाए। हालांकि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया के नाम पर सहमत था। लेकिन प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं के विरोध के कारण सिंधिया के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी। लेकिन अब यह गुत्थी सुलझने की उम्मीद है। वर्तमान में पीसीसी चीफ के लिए गृह मंत्री बाला बच्चन और लोकनिर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का नाम चल रहा है। लेकिन हाई कमान ने एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला तय किया है। जिसके चलते यदि इनमें से किसी एक की नियुक्ति होती है तो उसे मंत्री पद छोडऩा पड़ेगा। सिंधिया का नाम राज्यसभा के लिए तय हो जाता है तो फिर वह पीसीसी चीफ की दाबेदारी से पीछे हट जाएंगे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव का नाम भी चर्चा में हैं। वहीं राजनैतिक हल्कों में यह भी चर्चा है कि कमलनाथ दिग्विजय सिंह को राज्यसभा में भेजकर पार्टी संगठन को अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं।
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