सरकार शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) के शासनकाल के घोटालों की रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी पर हमला करने की तैयारी - The Sanskar News

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Sunday, December 15, 2019

सरकार शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) के शासनकाल के घोटालों की रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी पर हमला करने की तैयारी

भाजपा जहां सदन से सड़क तक सरकार को घेरने का प्लान बना रही है, वहीं सरकार शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) के शासनकाल के घोटालों की रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी पर हमला करने की तैयारी में है.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्ववर्ती भाजपा (BJP) सरकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाले (Social Security Pension Scam) की रिपोर्ट सरकार अब विधानसभा में पेश करने की तैयारी में है. रिपोर्ट को जल्द से जल्द पूरा करने की कवायद भी चल रही है, ताकि 17 दिसंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Assembly Winter Session) में पेंशन घोटाले की रिपोर्ट पेश हो सकें. कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) पिछले विधानसभा के सत्र में इस रिपोर्ट को पेश करने वाली थी, लेकिन मंत्रालय से रिपोर्ट ना मिलने के चलते रिपोर्ट नहीं रखी जा सकी थी. अब सरकार इस रिपोर्ट को शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी है.

गठित हुई कैबिनेट कमेटी

पेंशन घोटाले की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट कमेटी का गठन किया था. कमेटी में लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, वित्त मंत्री तरुण भनोत शामिल हैं. कैबिनेट कमेटी की दो बैठकें भी हो चुकी हैं. जांच रिपोर्ट के मुताबिक 26 फरवरी 2000 को हुई एमआईसी की बैठक में पेंशन बांटने के लिए अध्यादेश को ही बदल दिया गया. पेंशन राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर से वितरित होना था. लेकिन इसे सहकारी संस्थाओं से बांटने का निर्णय किया गया. निगम के पास 56358 में से 36358 पेंशनधारियों का रिकॉर्ड ही नहीं मिला. 36 हजार पेंशनधारियों का रिकॉर्ड गायब मिला.

पेंशन घोटाले की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट कमेटी का गठन किया था. कमेटी में लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, वित्त मंत्री तरुण भनोत शामिल हैं. कैबिनेट कमेटी की दो बैठकें भी हो चुकी हैं. जांच रिपोर्ट के मुताबिक 26 फरवरी 2000 को हुई एमआईसी की बैठक में पेंशन बांटने के लिए अध्यादेश को ही बदल दिया गया. पेंशन राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर से वितरित होना था. लेकिन इसे सहकारी संस्थाओं से बांटने का निर्णय किया गया. निगम के पास 56358 में से 36358 पेंशनधारियों का रिकॉर्ड ही नहीं मिला. 36 हजार पेंशनधारियों का रिकॉर्ड गायब मिला.

कैलाश विजयवर्गीय के समय घोटाला

सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाला, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर के महापौर रहते हुआ था. स्थानीय निकाय में साल 2000 से 2005 के बीच भाजपा के शासनकाल में वृद्धावस्था पेंशन बांटने में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की गई थी. पेंशन घोटाले की जांच को लेकर गठित जैन आयोग की रिपोर्ट अब सात साल बाद उजागर होगी. कई लोगों की मौत होने के बाद भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन बांट दी गई थी. अब कांग्रेस सरकार में फाइल फिर से खुली है और कैबिनेट कमेटी के परीक्षण के बाद रिपोर्ट विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकती है.

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