बीजेपी के अध्यक्ष के दावेदार बने दो सबसे बड़े नामों के बीच दिल्ली में टॉप सीक्रेट बैठक पूर्व सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) और मौजूदा अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) के बीच 2 घंटे तक चली सीक्रेट-मीटिंग - The Sanskar News

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Sunday, December 15, 2019

बीजेपी के अध्यक्ष के दावेदार बने दो सबसे बड़े नामों के बीच दिल्ली में टॉप सीक्रेट बैठक पूर्व सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) और मौजूदा अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) के बीच 2 घंटे तक चली सीक्रेट-मीटिंग

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भाजपा के अध्यक्ष पद के चुनाव (BJP President Election) को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) और मौजूदा अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) के बीच 2 घंटे तक चली सीक्रेट-मीटिंग (secret meeting) के बाद कयासों का बाजार गर्म.

भोपाल. बीजेपी ((BJP) में प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर चल रही कश्मकश के बीच बीते शनिवार को एक अहम मोड़ आया. प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार बने दो सबसे बड़े नामों के बीच दिल्ली में टॉप सीक्रेट बैठक (secret meeting) हुई. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की इस बैठक के बाद अब नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलों को नया मोड़ मिल गया है. सूत्रों की मानें तो बंद कमरे में करीब दो घंटे तक हुई बैठक में राकेश सिंह और शिवराज सिंह चौहान के बीच सीक्रेट बातचीत हुई. दोनों ने साथ में लंच भी किया. ये बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि शिवराज सिंह चौहान का पहले भोपाल (Bhopal) से सीधे लखनऊ जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वे दिल्ली पहुंच गए और वहां राकेश सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की. आपको बता दें कि बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव (MP BJP President Election) की रेस में राकेश सिंह के अलावा शिवराज सिंह का नाम भी जोर-शोर से चल रहा है. माना जा रहा है कि केंद्रीय संगठन की ओर से दोनों नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सामंजस्य बनाने की ताकीद की गई थी, जिसके बाद दिल्ली में टॉप सीक्रेट मीटिंग हुई.

जिलाध्यक्षों का निर्वाचन पूरा प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार

बीजेपी ने 52 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों की रायशुमारी के बाद पहली सूची में 33 जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया है. 19 नामों का ऐलान बाकी है. सूत्रों की मानें तो भोपाल, इंदौर समेत 19 संगठनात्मक जिलों में बड़े नेताओं के बीच एक राय नहीं बन पाने की वजह से जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा नहीं हो सकी है. पार्टी विधान के मुताबिक कुल संगठनात्मक जिलों में 50 फीसदी में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. इस लिहाज से 57 संगठनात्मक जिलों में से 52 पर निर्वाचन की प्रक्रिया हुई थी, जिसमें से 33 जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की तारीखों का ऐलान हो सकता है.

बीजेपी ने 52 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों की रायशुमारी के बाद पहली सूची में 33 जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया है. 19 नामों का ऐलान बाकी है. सूत्रों की मानें तो भोपाल, इंदौर समेत 19 संगठनात्मक जिलों में बड़े नेताओं के बीच एक राय नहीं बन पाने की वजह से जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा नहीं हो सकी है. पार्टी विधान के मुताबिक कुल संगठनात्मक जिलों में 50 फीसदी में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. इस लिहाज से 57 संगठनात्मक जिलों में से 52 पर निर्वाचन की प्रक्रिया हुई थी, जिसमें से 33 जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की तारीखों का ऐलान हो सकता है.

प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार

बीजेपी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर दावेदारों की संख्या भारी पड़ रही है. जिलाध्यक्षों के साथ प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन में नेताओं के बीच शक्ति प्रदर्शन आखिर किस मोड़ पर जाकर खत्म होगा, इसको लेकर अभी कुछ कहना मुश्किल है. बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों पर एक नजर डालें तो मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा जो नाम दावेदारी में आगे हैं, उनमें प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, पूर्व संसदीय कार्यमंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा और खजुराहो सांसद बीडी शर्मा शामिल हैं.

क्या प्रदेश अध्यक्ष को बदलेगी बीजेपी?

बीजेपी की पार्टी लाइन के मुताबिक आमतौर पर जो प्रदेश अध्यक्ष नॉमिनेटेड होता है, उसे निर्वाचन का मौका मिलता है. इस लिहाज से देखें तो राकेश सिंह का दावा मजबूत है. लेकिन जिस तरह प्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह के बीच मतभेद सामने आए हैं और बीजेपी को प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा, उसे देखते हुए क्या केंद्रीय आलाकमान प्रदेश बीजेपी के सेनापति के नाम पर कोई बड़ा बदलाव करेगा ये देखने वाली बात होगी. बहरहाल, राकेश सिंह और शिवराज की गुप्त-बैठक के बाद सियासी गलियारों में क्या-कुछ नया सामने आता है, इस पर मध्य प्रदेश के जानकारों की नजरें टिकी हुई हैं.

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