संस्कार न्यूज़, दिसंबर 2019
सिंधिया के दोनों का खास मंत्रियों की लड़ाई बीच सड़क पर आ चुकी है और अब यह सरकार के लिए संकट बनती दिख रही है अब यह मंत्री सिंधिया की कमजोरी बनाएंगे
भोपाल। विपक्षियों से ज्यादा मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार के लिए अपने ही मुसीबत खड़े करते हैं। अब सिंधिया खेमे के दो कैबिनेट मंत्री रेत खदान और गिट्टी क्रशर को लेकर आपस में भिड़ गए हैं। इस बात की शिकायत अब सीएम कमलनाथ तक पहुंच गई है। एक मंत्री ने तो सीएम को चिट्ठी लिखकर कई सवाल भी पूछे हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश में रेत खनन शुरू से ही एक बड़ा सियासी मुद्दा रहा है। रेत खनन को लेकर सरकार के अपने लोग भी सवाल उठाते रहे हैैं। अब रेत खनन और क्रशर को लेकर खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी आमने-सामने आ गए हैं। दिग्गज कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक दोनों मंत्रियों के बीच अपने समर्थकों की 61 रेत खदानें और क्रशर को लेकर रार छिड़ी है।
ये है विवाद:-
पूरा खेल इमरती देवी के समर्थकों की डबरा क्षेत्र में संचालित खदानों के बंद होने के बाद शुरू हुआ। तोमर ने उनके समर्थकों की छह खदानों को बंद कराया तो जवाम में इमरती देवी ने 9 दिसंबर को प्रद्युम्न सिंह और उनके समर्थकों के क्रशर और रेत खदानों की शिकायत कर उन्हें भी बंद करवा दिया। अब इमरती देवी ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर डबरा की छह खदानों को फिर से शुरू कराने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि खदानों को जिन कमियों के आधार पर बंद किया गया था, अब उनकी पूर्ति कर दी गई है।
सिंधिया के दो 'खास' मंत्री रेत खदान व क्रेशर को लेकर आपस में लड़ रहे, CM तक पहुंची शिकायत
मंत्री के सामने तू-तू, मैं-मैं:-
वहीं, सिंधिया खेमे के इन दोनों मंत्रियों के बीच तल्खियां काफी बढ़ गई हैं। पिछले दिनों भोपाल में खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के सामने भी दोनों मंत्रियों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो चुकी है। इमरती देवी ने बिलौआ में क्रशर से प्रदूषण फैलने का आधार देकर जायसवाल से उन्हें बंद कराने की मांग की। वहीं खड़े प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह सुना तो उखड़ गए। उन्होंने कहा कि आपको अपनी खदानें शुरू करानी है तो कराओ, लेकिन क्रशर बंद कराने की बात क्यों कर रही हो।
इस पर इमरती देवी भी उखड़ गई। उन्होंने कहा कि मेरी खदानें किसने बंद कराई, मुझे सब पता है। आप बीच में मत बोलो। इससे दोनों में विवाद बढ़ गया। हालांकि बाद में खनिज मंत्री ने ग्वालियर फोन कर प्रदूषण फैलाने वाले क्रशर को बंद करने के निर्देश दिए।
विवाद पर दोनों की सफाई:-
दो मंत्रियों के बीच की लड़ाई अब सार्वजनिक हो गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री इमरती देवी ने कहा कि रेत खदान से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। एक भी रेत खदान मेरे रिश्तेदार की नहीं है। सरपंच पूछ रहे हैं कि आखिर डबरा की खदानें क्यों बंद की गई। यहीं सवाल मैंने मुख्यमंत्री से पूछा है।
वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि मैंने हस्तक्षेप नहीं किया। प्रशासन ने रेत खदानें व क्रशर बंद किए हैं। मेरी या मेरे किसी रिश्तेदार की न तो कोई खदान है, न ही क्रशर। इमरती देवी की आपत्ति पर मुझे कुछ नहीं कहना।
अपने ही बढ़ा रहे सरकार की मुश्किलें:-
कमलनाथ की सरकार के मध्यप्रदेश में अभी एक साल ही पूरे हुए हैं। सरकार अंदरुनी गुटबाजी की वजह से हमेशा विवादों में रही है। इससे पहले भी मंत्रियों की लड़ाई सामने आती रही है। रेत खनन के आरोप सरकार के कई प्रभारी मंत्रियों पर भी लगे हैं। अब दो मंत्रियों की लड़ाई ने एक बार फिर से विपक्ष को घेरने का मौका दे दिया है।
बह रहा हैं खून:-
अवैध रेत खनन को लेकर प्रदेश में गैंगवार की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। भिंड में अवैध खनन को लेकर एक गुट ने दूसरे गुट के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से पूर्व भी दूसरे जिलों में ऐसी घटनाएं घटी हैं। वहीं रेत को लेकर बह रहे खून पर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि भिंड और मुरैना में गोलीबारी की घटनाएं समाने आते रहती है।
ग्वालियर दौरे पर हैं सिंधिया:-
सिंधिया के दो खास मंत्रियों के बीच झगड़ा है। इस दौरान शुक्रवार को ग्वालियर दौरे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे हैं। ग्वालियर पहुंचने से पहले मुरैना में भी सिंधिया को उनके समर्थकों में स्वागत किया था। वहीं ग्वालियर में स्वागत के दौरान तो हंगामा हो गया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तक भी दोनों मंत्रियों की शिकायत पहुंचे।
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