एक मंच से कई संदेश दे गये पीएम मोदी - The Sanskar News

Breaking

Sunday, December 22, 2019

एक मंच से कई संदेश दे गये पीएम मोदी


संस्कार न्यूज़ , 23 दिसंबर 2019

 

                         पवन भार्गव

नई दिल्ली -: जैसी कि अपेक्षा थी मौजूदा हालात को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान से देश के मौजूदा हालात पर अधिक फोकस किया और कई सवालों का जवाब देने के साथ कई संदेश भी दे गये। मौका तो था दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अभियान का आगाज का लेकिन मौका देखते हुए पीएम मोदी इस मुद्दा पर भी अपना रुख सामने रखा। यह पीएम मोदी के अब तक का सबसे लंबी रैली भाषणों में एक रहा।

1. एनआरसी अभी नहीं?

पीएम मोदी ने रामलीला मैदान के मंच से संदेश देने की कोशिश की कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को एकसाथ जोड़ने की कोशिश नहीं करें। पिछले कई दिनों से उग्र आंदोलन इसी आशंका पर हो रहे हैं। हालांकि सरकार ने सूत्रों के हवाले से इस बात को पहले भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि लेकिन इसका बहुत असर नहीं पड़ा। आखिर पीएम मोदी ने सामने आकर पहली बार रुख साफ करने की कोशिश की। पीएम मोदी का बयान ऐसे समय में आया जब न सिर्फ विपक्षी राज्य बल्कि एनडीए के सहयोगी और नागरिकता कानून पर सपोर्ट देने वाली क्षेत्रीय दल भी एनआरसी का विरोध करने का ऐलान कर चुके हैं। इस सबके बीच पीएम मोदी का यह कहना कि किसी ने एनआरसी की बात नहीं की है और असम में जो हुआ वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुआ था, एक बड़ा बयान माना जा सकता है। हालांकि संसद में होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी पूरे देश में होगा। सरकार का मानना है कि अभी दोनों कानून को अलग-अलग पेश करने की जरूरत है और इसी कारण से अभी मौजूदा परिस्थिति में इसपर नरम अप्रोच अपनाई जा सकती है।

2. मुस्लिमों तक पहुंचने की कोशिश

पीएम मोदी ने अपने डेढ़ घंटे से अधिक के भाषण में मुस्लिम समुदाय से सीधा संवाद करने की कोशिश की और कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' के साथ सबका विश्वास जीतने की उनकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने बहुत ही विस्तार से कई मिनटों तक अपनी योजनाओं के अलावा नागरिकता संशोधन कानून के प्रावधान तक के बारे में बताया कि कहीं से यह मुस्लिम विरोधी नहीं है।

3. दलित-गरीब के हक में कानून

ऐसे समय में जब विपक्ष नागरिकता कानून और एनआरसी को गरीब-अमीर का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, पीएम मोदी ने पहले ही इसपर हमला कर दिया। पीएम मोदी ने नागरिकता कानून को गरीब-दलितों के पक्ष में बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं, उनमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं। इसके साथ ही उन्होंने दलित नेताओं से सवाल भी किये।

4. विपक्ष को सियासी संदेश, काउंटर अटैक होगा

जहां पीएम मोदी ने एनआरसी पर स्थिति साफ करने की कोशिश की और आंदोलन कर रहे मुस्लिम और दूसरे संगठनों तक संदेश देने की भी कोशिश की वहीं विपक्ष को सख्त संदेश देने की कोशिश की कि वह उनके ही सियासी पिच पर खेलने को तैयार हैं। पीएम मोदी ने जिस अंदाज में करारे प्रहार किये और कांग्रेस, ममता बनर्जी सहित दूसरे नेताओं को निशाने पर लिया, इससे उन्हें संदेश दिया कि अगर वह इसपर राजनीति करेंगे तो वह इसपर जनता के बीच जाने को तैयार हैं।

5. हिंसक आंदोलन के सामने झुकेंगे नहीं

पीएम मोदी ने जिस अंदाज में हिंसक आंदोलन को कड़ी चेतावनी देते हुए पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया उससे वह संदेश देने में सफल रहे कि वह इन आंदोलन के सामने झुकने वाले नहीं है। पुलिस के सम्मान में नारे बुलवा कर और देश के अंदर हुई तोड़फोड़ पर कड़ी टिप्पणी कर पीएम मोदी ने ऐसे आंदोलनकारियों तक संदेश भी दिया उनके ऐसे आंदोलन का उलटा असर ही होगा। मालूम हो कि सरकार ने पहले ही हिंसक आंदोलन से सख्ती से निबटने के संकेत दिये हैं। रविवार को पीएम मोदी ने इस संदेश को और मजबूत किया।

No comments:

Post a Comment