श्योपुर। एक माह पूर्व जिला अस्पताल में विजयपुर के भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी को प्रसूति सुविधा नहीं मिलने के मामला बुधवार को विधानसभा में भी गूंजा। जब इंदौर-2 के विधायक रमेश मैंदोला ने इस में लिखित प्रश्न लगाया तो स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने लिखित जवाब में बताया कि दो निश्चेतना विशेषज्ञों द्वारा एक साथ अवकाश लेने के संबंध में सिविल सर्जन श्योपुर से स्पष्टीकरण मांगा है।
बुधवार को विधायक रमेश मैंदोला ने लिखित प्रश्न के माध्यम से पूछा कि क्या शासन ने मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आदिवासी विधायकों और आदिवासी वर्ग के लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने के निर्देश जारी किए हैं? यदि नहीं तो श्योपुर के अस्पताल में विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी की प्रसूति क्यों नहीं करवाई गई और प्रसव पीड़ा से पीडि़त महिला को 8 घंटे तक इंतजार के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचने के क्या कारण हैं? इस पर लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि 18 नवंबर 2019 को सुबह 9.30 बजे विधायक अपनी बेटी को लेकर पहुंचे थे। जिसके बाद उन्हें भर्ती किया गया और सोनोग्राफी की रिपोर्ट में प्रसूता को सामान्य प्रसव में खतरा होने के संबंध में तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता के कारण जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने के लिए परिजनों का कहा गया, क्योंकि चिकित्सालय में पदस्थ निश्चेतना विशेषज्ञ विजयपुर नसबंदी कैंप में गए हुए थे एवं अन्य दो विशेषज्ञ अवकाश पर थे। सिलावट ने कहा कि दो निश्चेतना विशेषज्ञों को एक साथ अवकाश देने पर सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
विधायकों ने उठाया डॉक्टरों की कमी का मुद्दा
श्योपुर विधायक बाबू जंडेल और विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी ने भी जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर लिखित प्रश्न लगाया और पूछा कि डॉक्टरों की पूर्ति कब होगी। इस पर लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने डॉक्टरों की पूर्ति की जा रही है।
No comments:
Post a Comment