संस्कार न्यूज़
शिवपुरी। प्रदेश के नाथ कमलनाथ में जैसे ही कहां कि प्रदेश में किसी भी स्तर के माफियाओ को छोडा नही जाऐगा। अब मप्र माफिया मुक्त होगा,इसी क्रम में पूरे प्रदेश से अतिक्रमण टूटने की खबर आने लगी। शिवपुरी जिले की तहसीलो से चारो ओर से खबर अतिक्रमण आने लगी। शिवपुरी नगर में प्रशासन ने नमो नगर से डूप्लेक्स ढहा कर अतिक्रमण अभियान को जोश से प्रारंभ किया,लेकिन इस कार्रवाई में एक चाय की गुमटी प्रशासन की मंशा पर सवाल खडे कर रही हैं।
इस आरंभ को देखकर लग रहा था कि इस बार प्रशासन ईमानदारी से अपना काम करेंगा,दूसरे दिन ऐसा लग रहा था कि प्रशासन शहर में ही कोई बडे अतिक्रमण को तोड बडा ही धामका करेंगा,लेकिन प्रशासन इसके उल्ट बडौदी पर अतिक्रमण तोडने की कार्रवाई करेंगा। बीते रोज सोशल मिडिया पर भी एक विवादित अतिक्रमण तोडने की मांग कर रहे थे।
इस विवादित अतिक्रण की खबर को आज मिडिया ने भी प्रकाशित किया हैंं। लेकिन आज प्रशासन ने जो काम किया उसे दिल से सैल्यूट करने का मन करता हैंं। आज अतिक्रमण में सबसे बडी खबर यह आई कि प्रशासन ने 40 साल पुराना अतिक्रमण साफ कर दिया और सामान को भी उठाने नहीं दीया सारा सामान जेसीबी से ही उठाकर ले गए और कहां अभी हटा लेंगे सब आप दूर रहो जैन साहब को सामान ही नहीं उठाने का मौका दिया पहले ना ही कोई नोटिस दिया ना कोई जानकारी सीधे आकर कार्रवाई यह कौन सी खुन्नस थी l
उक्त अतिक्रमण कलेक्ट्रट के समीप जैन साहब की चाय की गुमटी के रूप में सामने आया। अब प्रशासन ने बडे पक्के अतिक्रमण तोडने के बाजाय छोटी—छोटी गुमटी तोडने का मन बना लिया है। 40 साल से कलेक्ट्रेट की नाक के नीचे कब्जा जमाए जैन साहब ने संस्कार न्यूज़ डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा कि साहब मेरी चाय प्रशासन के हर सरकारी विभाग मेें जाती हैं।
मेरी चाय की दुकान की उधारी बहुत हो गई थी,मैने अपनी उधारी साहब लोगो ने मांगनी शुरू कर दी। उन्होने नही दी तो मैने चाय भेजनी बंद कर दी थी। सबको फ्री चाहिए। कुल मिलाकर यह अतिक्रमण तोडने से प्रशासन अब हसी का पात्र बन गया।
जैन साहब की बात में इस कारण भी दम लग रही हैं कि जैन साहब तो कलेक्ट्रेट के बहार चाय बेचते हैं,लेकिन कलेक्ट्रेट के अंदर ही चाय वाले हैं,लेकिन उनकी चाय की दुकान नही हटाई गई। कुल मिलाकर अगर यह बात सही हैं कि चाय वाले ने प्रशासन को उधारी देनी बंद कर दी तो उसने उसकी गुमटी ही हटा दी हैं।
इस खबर का दूसरा पहलू यह भी हैं कि यह मुहिम माफियाओ के विरूद थी बेचारा चाय वाला कैसे इसमें पिस गया। इस कार्रवाई को देखकर यह सबाल खडा हुआ कि यह क्या यह कमलनाथ सरकार की एन्टी माफिया का हिस्सा है या फिर चाय माफिया है जो इसे कार्यवाही की जद में लिया है।
संस्कार न्यूज़ को इस मुहिम से कोई आपत्ति नहीं है। परंतु यहा सोचने को मजबूर है कि आखिर प्रशासन की नाक के नीचे बर्षो से जमा यह चाय बाला आज तक प्रशासन को दिखाई नहीं दिया क्या जो अब बली का बकरा बनाया गया है,इसके उलट एक चाय वाला आज भी कलेक्ट्रेट परिसर में ही चाय बेच रहा हैं। ऐसी कार्रवाई करने वाले प्रशासन को सैल्यूट करने का मन कर रहा हैं।
इस आरंभ को देखकर लग रहा था कि इस बार प्रशासन ईमानदारी से अपना काम करेंगा,दूसरे दिन ऐसा लग रहा था कि प्रशासन शहर में ही कोई बडे अतिक्रमण को तोड बडा ही धामका करेंगा,लेकिन प्रशासन इसके उल्ट बडौदी पर अतिक्रमण तोडने की कार्रवाई करेंगा। बीते रोज सोशल मिडिया पर भी एक विवादित अतिक्रमण तोडने की मांग कर रहे थे।
इस विवादित अतिक्रण की खबर को आज मिडिया ने भी प्रकाशित किया हैंं। लेकिन आज प्रशासन ने जो काम किया उसे दिल से सैल्यूट करने का मन करता हैंं। आज अतिक्रमण में सबसे बडी खबर यह आई कि प्रशासन ने 40 साल पुराना अतिक्रमण साफ कर दिया और सामान को भी उठाने नहीं दीया सारा सामान जेसीबी से ही उठाकर ले गए और कहां अभी हटा लेंगे सब आप दूर रहो जैन साहब को सामान ही नहीं उठाने का मौका दिया पहले ना ही कोई नोटिस दिया ना कोई जानकारी सीधे आकर कार्रवाई यह कौन सी खुन्नस थी l
उक्त अतिक्रमण कलेक्ट्रट के समीप जैन साहब की चाय की गुमटी के रूप में सामने आया। अब प्रशासन ने बडे पक्के अतिक्रमण तोडने के बाजाय छोटी—छोटी गुमटी तोडने का मन बना लिया है। 40 साल से कलेक्ट्रेट की नाक के नीचे कब्जा जमाए जैन साहब ने संस्कार न्यूज़ डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा कि साहब मेरी चाय प्रशासन के हर सरकारी विभाग मेें जाती हैं।
मेरी चाय की दुकान की उधारी बहुत हो गई थी,मैने अपनी उधारी साहब लोगो ने मांगनी शुरू कर दी। उन्होने नही दी तो मैने चाय भेजनी बंद कर दी थी। सबको फ्री चाहिए। कुल मिलाकर यह अतिक्रमण तोडने से प्रशासन अब हसी का पात्र बन गया।
जैन साहब की बात में इस कारण भी दम लग रही हैं कि जैन साहब तो कलेक्ट्रेट के बहार चाय बेचते हैं,लेकिन कलेक्ट्रेट के अंदर ही चाय वाले हैं,लेकिन उनकी चाय की दुकान नही हटाई गई। कुल मिलाकर अगर यह बात सही हैं कि चाय वाले ने प्रशासन को उधारी देनी बंद कर दी तो उसने उसकी गुमटी ही हटा दी हैं।
इस खबर का दूसरा पहलू यह भी हैं कि यह मुहिम माफियाओ के विरूद थी बेचारा चाय वाला कैसे इसमें पिस गया। इस कार्रवाई को देखकर यह सबाल खडा हुआ कि यह क्या यह कमलनाथ सरकार की एन्टी माफिया का हिस्सा है या फिर चाय माफिया है जो इसे कार्यवाही की जद में लिया है।
संस्कार न्यूज़ को इस मुहिम से कोई आपत्ति नहीं है। परंतु यहा सोचने को मजबूर है कि आखिर प्रशासन की नाक के नीचे बर्षो से जमा यह चाय बाला आज तक प्रशासन को दिखाई नहीं दिया क्या जो अब बली का बकरा बनाया गया है,इसके उलट एक चाय वाला आज भी कलेक्ट्रेट परिसर में ही चाय बेच रहा हैं। ऐसी कार्रवाई करने वाले प्रशासन को सैल्यूट करने का मन कर रहा हैं।
No comments:
Post a Comment