भोपाल/(मध्यप्रदेश)। हाल ही भोपाल स्थित स्पेशल कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता खत्म हो गई थी। हालांकि जबलपुर हाईकोर्ट ने अभी स्टे लगा दिया है। लेकिन प्रह्लाद लोधी की तरह ही मध्यप्रदेश में कई ऐसे मंत्री और विधायक हैं जिनपर क्रिमिनल केस चल रहे हैं। इन लोगों ने अपने ऊपर चल रहे क्रिमिनल केसों का जिक्र चुनावी हलफनामे में किया है।
ऐसे में कोर्ट में चल रहे इन मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला अगर आता है तो मध्यप्रदेश के और भी कई विधायक और मंत्रियों की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। एडीआर की रिपोर्ट के अऩुसार मध्यप्रदेश विधानसभा में 93 ऐसे विधायक हैं, जिनके ऊपर क्रिमिनल केस चल रहे हैं। वहीं, 93 में से 47 ऐसे हैं, जिन पर गंभीर केस चल रहे हैं। आरोपी विधायक दोनों ही दल के हैं।
गृह मंत्री पर भी है चार्ज:-
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर भी इस तरह के आरोप हैं। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने भी चुनावी हलफनामे में अपने ऊपर क्रिमिनल केस होने की जानकारी दी है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी, लखन घनघोरिया, हर्ष यादव, इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, वित्त मंत्री तरुण भनोत, तुलसी सिलावट, पीसी शर्मा, ब्रजेंद्र सिंह राठौर और स्पीकर एनपी प्रजापति के खिलाफ भी क्रिमिनल केस है।
इन विधायकों पर भी हैं क्रिमिनल केस:-
इसके साथ ही पूर्व मंत्री और विधायक गौरीशंकर बिसेन, कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा, भोपाल से विधायक आरिफ मसूद और कुणाल चौधरी पर भी क्रिमिनल केस है। इसके साथ ही इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज है। इस सूची में बीजेपी के विधायक मोहन यादव, कमल पटेल, जालम सिंह पटेल, पारस जैन, रामेश्वर शर्मा, सुरेंद्र पटवा, संजय पाठक और राजेंद्र शुक्ल समेत कई और विधायकों पर केस दर्ज हैं।
सुरेंद्र पटवा पर है सबसे ज्यादा केस:-
वहीं, पूर्व मंत्री और बीजेपी के विधायक सुरेंद्र पटवा पर सबसे ज्यादा 26 क्रिमिनल केस है। इसके साथ ही कमलनाथ की सरकार में मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर पर 20 और मंत्री पीसी शर्मा 14 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। ऐसे में सभी मामले अभी न्यायालय में विचाराधीन है।
नेताओं ने दिएं ये तर्क:-
मध्यप्रदेश में प्रह्लाद सिंह लोधी की सदस्यता खत्म होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है। बीजेपी आरोप लगा है कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ मिलकर लोधी की सदस्यता खत्म करवाई है। जबकि अपने ऊपर दर्ज मुकदमों में पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जनता की लड़ाई लड़ते हुए हुए हमें कानूनी केसा का सामना करना पड़ता है।
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