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Sunday, January 5, 2025

सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यालय का शुभारंभ और नववर्ष मिलन समारोह संपन्न


सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यालय का शुभारंभ और नववर्ष मिलन समारोह संपन्न
दिनारा । शिवपुरी जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर करैरा विधानसभा के दिनारा के जरगंवा में सहरिया क्रांति सामाजिक आंदोलन के नए कार्यालय का शुभारंभ और नववर्ष मिलन समारोह बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहरिया क्रांति आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक संजय बेचैन थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सहरिया क्रांति के प्रदेश अध्यक्ष अवतार भाई सहरिया ने की। इस अवसर पर आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में सहरिया आदिवासी पुरुष और महिलाएं शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत नए कार्यालय के फीता काटकर उद्घाटन से हुई। इसके बाद भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। सभा स्थल पर उपस्थित लोगों ने पारंपरिक तरीके से नववर्ष का स्वागत करते हुए अपने समाज के एकजुटता और विकास के संकल्प को दोहराया। साथ ही जनपद सदस्य रामक्रष्ण पाल को कार्यालय सेवादार घोषित किया गया 
मुख्य अतिथि संजय बेचैन ने अपने संबोधन में सहरिया आदिवासियों के अधिकारों और समस्याओं को लेकर एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आज सहरिया आदिवासियों के सामने शोषण, दमन और अत्याचार की कई समस्याएं खड़ी हैं। सरकारी योजनाएं तो हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उन योजनाओं का लाभ आम आदिवासी जनता तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है।"
संजय बेचैन ने अपने भाषण में कई गंभीर मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा, "तहसीलों में आदिवासियों के नामांतरण के मामले कई वर्षों से लंबित हैं। कुटीर योजनाओं से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं तक में रिश्वतखोरी का बोलबाला है। यह भ्रष्टाचार सहरिया आदिवासियों का जीवन कठिन बना रहा है। अब समय आ गया है कि जनता चुप्पी तोड़कर अपने अधिकारों के लिए मुट्ठी बांधकर खड़ी हो।"
उन्होंने सभी उपस्थित ग्रामवासियों से अपील की कि वे शोषण और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में साथ आएं। उन्होंने कहा, "जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, तब तक भ्रष्टाचार रूपी इस बीमारी का अंत नहीं किया जा सकता। हमें अपने हक और अधिकार के लिए संगठित होकर संघर्ष करना होगा।"

कार्यक्रम के अध्यक्ष अवतार भाई सहरिया ने कहा कि सहरिया क्रांति आंदोलन का उद्देश्य केवल समस्याओं को उठाना नहीं, बल्कि उनका समाधान भी निकालना है। उन्होंने कहा, "यह आंदोलन सहरिया समाज की आवाज को बुलंद करने का माध्यम है। हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक रहना होगा।"
सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यक्रम में संगठित संघर्ष की गूंज
अजय आदिवासी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "सहरिया समाज के युवा ही इस आंदोलन की रीढ़ हैं। हमें शिक्षा और जागरूकता को अपनी प्राथमिकता बनाना होगा। जब तक हमारे बच्चे शिक्षित नहीं होंगे, तब तक हमारा समाज प्रगति नहीं कर सकता।" उन्होंने नशामुक्ति और शिक्षा सुधार अभियान में युवाओं की सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया। 
राजेश सोनीपुरा ने कहा, "सहरिया समाज की ताकत उसकी एकता है। हमें यह समझना होगा कि यदि हम संगठित रहेंगे, तो कोई भी ताकत हमारे अधिकारों को छीन नहीं सकती। भूमि अधिकार, शिक्षा, और रोजगार जैसे मुद्दों पर आंदोलन को और प्रभावी बनाना होगा।"
मोहरसिंह आदिवासी ने आदिवासियों की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों और नामांतरण प्रकरणों के लंबित रहने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार के कारण हमारा समाज न्याय से वंचित हो रहा है। हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी और कानूनी सहायता के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।"
संजु आदिवासी ने महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा, "सहरिया समाज की महिलाएं आंदोलन की महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमें उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाना होगा, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें। महिलाओं की जागरूकता से समाज में बड़ा बदलाव संभव है।"
कार्यक्रम में अंतिम वक्ता संतोष भाई ने कहा, "यह आंदोलन केवल समस्याओं की चर्चा तक सीमित नहीं रहेगा। हमें गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाकर, हर व्यक्ति को आंदोलन से जोड़ना होगा। हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक हर सहरिया परिवार अपने अधिकार और सम्मान के साथ जीवन जीने लगे।"
कार्यक्रम के अंत में सहरिया क्रांति आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। सभी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम सहरिया समाज की एकता और संघर्षशीलता का प्रतीक बनकर उभरा। सहरिया क्रांति के नेतृत्व में समाज ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे।
कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी रही, जिन्होंने अपने विचार साझा करते हुए सहरिया समाज को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
इस नववर्ष मिलन समारोह और कार्यालय उद्घाटन ने सहरिया समाज में नई ऊर्जा का संचार किया है। कार्यक्रम का संदेश साफ था – सहरिया समाज को अपने अधिकारों के लिए जागरूक, संगठित और संघर्षशील बनना होगा।

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