न्यूज बाय दीपक शाक्य पोहरी ब्यूरो चीफ
शिवपुरी। बडोदरा निवासी मुमुक्षु इपालभाई को जैन दीक्षा देते समय जैनाचार्य श्री कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब ने उनका नया नाम मुनिश्री कुलधर्म विजय श्री जी म.सा. किया।
विधिविधान पूर्वक नामकरण करते समय आचार्य श्री कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब ने कहा कि संसार से सारे संबंध तोडऩे के क्रम में आध्यात्मिक नामकरण किया जाता है। इपालभाई अब मुनिश्री कुलधर्म विजय श्री के नाम से जाने जाएंगे।
उन्होंने नवोदय शिष्य मुनिश्री कुलधर्म विजय श्री जी को उपदेश देते हुए कहा कि जीवन को सफल बनाने का उन्हें अनुपम अवसर मिला है। मुनि धर्म की दिनचर्या में वह स्वाध्याय और गुरू भगवंतों की सेवा को लक्ष्य बनाकर मोक्ष रूपी लक्ष्मी का वरण करें। उन्होंने कहा कि वह इस समय का अपनी साधना के लिए उपयोग करें। निद्रा को कम करें, मोबाइल का उपयोग न करें तथा अपनी आत्मा का कल्याण करें।
इसके पूर्व मुुमुक्षु इपालभाई का उनके परिजनों ने अंतिम रूप से तिलक लगाकर सम्मान किया और इपालभाई ने दीक्षा के लिए आवश्यक लोच (मुंडन) किया और मुनि वस्त्र धारण किए। दीक्षा लेने का जब अवसर आया तो आनंद से उल्लासित होकर इपालभाई हर्षातिरेक में नाचने लगे और तालियों की गडग़ड़ाहट से उपस्थित जनसमूह ने उनका सम्मान किया।
इस वर्ष श्वेताम्बर जैन समाज जैनाचार्य श्री कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब ठाणा 3 और साध्वी रत्ना श्री जी महाराज साहब ठाणा 6 का चार्तुमास करा रहा है। जैन संतों और साध्वियों का भव्य नगर प्रवेश मुहुर्त अनुसार 2 जुलाई को है। लेकिन अचानक इपालभाई की दीक्षा का अवसर आने के कारण जैनाचार्य कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब और अन्य साधू-साध्वियों ने 35-35 किमी का पद बिहार किया और वे कल 22 जून को शिवपुरी पहुंचे। शिवपुरी जैन समाज ने ग्वालियर वायपास पर गाजे बाजे और उत्साह के साथ उनका स्वागत वंदन और अभिनंदन किया। उनके साथ मुमुक्षु इपालभाई भी शिवपुरी आए। कल शाम 4 बजे से इपालभाई की भागवत दीक्षा का कार्यक्रम प्रारंभ हो गया। जैन साध्वियों और श्राविकाओं ने इपालभाई के कपड़ों को रंगने का कार्यक्रम किया। शाम 8 बजे से समाधि मंदिर प्रांगण में इपाल भाई का विदाई समारोह और अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। मंदिरवासी श्वेताम्बर समाज के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, चार्तुमास कमेटी के संयोजक तेजमल सांखला और सचिव विजय पारख ने उनका शॉल, श्रीफल तथा माल्यापर्ण से सम्मान किया। स्थानकवासी समाज तथा ब्राह्मी महिला मंडल सहित अनेक श्रावक और श्राविकाओं ने इपालभाई का सम्मान किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिसमें जैन संत किस तरह से साधना करते हैं, को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। समारोह में भक्ति रस की गंगा भी बही और अंत में मुमुक्षु इपालभाई ने अपने हाथों से वर्षीदान किया। समारोह में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उन्होंने कुछ न कुछ उपहार दिए। आज सुबह 8 बजे से दीक्षा महोत्सव के कार्यक्रम की रस्में प्रारंभ हुईं। दीक्षा महोत्सव सम्पन्न कराने के लिए जैनाचार्य श्री कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब, परम पूज्य कुलदर्शन विजय जी महाराज साहब और परम पूज्य कुलरक्षित विजय जी महाराज साहब ठाणा 3 और परम पूज्य साध्वी श्री शासन रत्ना श्रीजी महाराज साहब ठाणा 6 सतियां उपस्थित रहीं। मुनि श्री कुलरक्षित विजयश्री महाराज साहब ने दीक्षा के पूर्व जैन शास्त्रों की वाणी को उच्चारित किया। इस अवसर पर नवोदित मुनिश्री जी को चोल पट्टा, वस्त्र, धार्मिक उपकरण आदि प्रदान करने के लिए बोलियां भी लगाई गईं, जिसमें धर्मप्रेमियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। दीक्षा के अवसर पर कई बार भावूक दृश्य भी नजर आए। दीक्षा महोत्सव के पश्चात जैनाचार्य कुलदर्शन विजय जी महाराज साहब ने सभी को मांगलिक सुनाई और सकल श्री संघ ने अंत में साधार्मिक वात्सल्य में भाग लिया।
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भव्य चार्तुमासी प्रवेश 2 जुलाई को, महामहिम राज्यपाल आएंगे
जैनाचार्य कुलचंद्र सुरिश्वर जी महाराज साहब ठाणा 3 और शासन रत्ना पूज्य श्रीजी साध्वी ठाणा 6 सतियोंं का विधिवत चार्तुमास हेतु नगर प्रवेश 2 जुलाई को होगा। इस समारोह में विशेष रूप से प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल शिवपुरी पधार रहे हैं। इस अवसर पर चल समारोह 2 जुलाई को सुबह 8 बजे समाधि मंदिर (बीटीपी स्कूल) से प्रारंभ होगा। इस समारोह को जैन समाज द्वारा शाही रंग दिया जाएगा। गाजे बाजे, ढोल नंगाड़े, पालकी, रथ आदि चल समारोह में मौजूद रहेंगे। पूरे शहर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। चल समारोह सुबह 9 बजे पाश्र्वनाथ जैन मंदिर कोर्ट रोड पहुंचेगा। जहां से चल समारोह परिणय वाटिका की ओर कूच करेगा। परिणय वाटिका में धर्मसभा और साधार्मिक वात्सल्य का आयोजन होगा।
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