गांधी जयंती के अवसर पर गांव गांव में चलाया स्वच्छता ही सेवा अभियानडॉक्टर एम के भार्गव वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके ने ग्रामीण जनों को दिलाई स्वच्छता की शपथ । - The Sanskar News

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Saturday, October 2, 2021

गांधी जयंती के अवसर पर गांव गांव में चलाया स्वच्छता ही सेवा अभियानडॉक्टर एम के भार्गव वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके ने ग्रामीण जनों को दिलाई स्वच्छता की शपथ ।

द संस्कार न्यूज़ 03/09/2021
न्यूज़ बाय दीपक शाक्य पोहरी ब्यूरो चीफ
शिवपुरी - महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य में स्वच्छता ही सेवा के अवसर पर शनिवार को इसी अभियान को गति देते हुए शक्तिशाली महिला संगठन की टीम के साथ वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी डॉ.एम.के.भार्गव ने भी स्वच्छता गतिविधि में सहभागिता की तथा ग्रामीणजनों को स्वच्छता एवं पोषण के लिए प्रेरित करते हुए गृह वाटिका लगाए जाने के लिए आह्वान किया।
संस्था द्वारा आदिवासी बाहुल्य ग्राम कोयला कॉलोनी एवं हिम्मतगढ़ पिपरोनिया में स्वच्छता ही सेवा के तहत आंगनबाड़ी परिसर एवं गांव के खुले परिसर में व्याप्त गंदगी को ग्रामीणजनों के सहयोग से एवं संस्था की टीम के द्वारा स्वच्छ बनाया गया। इसके साथ ही गांधी जी एवं शास्त्री जी की जयंती के उपलक्ष में फलदार पौधे भी रोपित किए गए।
एमके भार्गव वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र ने इस अवसर पर ग्रामीणजनों से कहा कि जब देश अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब कई क्रांतिकारियों ने आगे आकर देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई और इन लोगों को मर-मिटने का भी डर नहीं था और इन्हीं में से एक थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। महात्मा गांधी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चले और एक लाठी के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी ने कई आंदोलन चलाए और अंग्रेजों को ये बता दिया कि वे देश को आजाद कराने से कम किसी चीज पर नहीं मानेंगे। गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए दिन-रात एक कर दिया। उनकी देश भक्ति देख हर कोई गांधी जी के साथ जुड़ता चला गया और फिर क्या था, आगे-आगे गांधी जी और पीछे-पीछे लोग। हर साल दो अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस मनाया जाता है। उन्होंने लंदन से कानून की पढ़ाई की और बैरिस्टर बनकर ही भारत लौटे। जब वे भारत आए, तो उन्हें भारत की उस वक्त की स्थिति ने काफी प्रभावित किया, जिसके बाद वे आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। यहां उन्होंने अंग्रेजों को भारत से भगाकर ही दम लिया। इसके अलावा गांधी जी ने दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलन भी चलाएं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सुपोषण सखी, समुदाय की महिलाएं ग्रामीणजन, शक्तिशाली महिला संगठन समिति की पूरी टीम कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ.एम.के.भार्गव ने सक्रिय भूमिका अदा की।

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