जैसे हाथ धोते वक्त साबुन या सेनीटाइजर करोना वायरस की बाहरी सतह को नष्ट कर उसे निर्मूल कर देता है उसी प्रकार लेमन जूस नाक, गले व उसके आसपास उपलब्ध वायरस की बाहरी सतह को नष्ट कर उसे निष्प्रभावी कर देता है इसमें उसके विटामिन सी या अन्य कोई प्रोपर्टी का प्रयोग नहीं हो रहा है। इसमें किसी रॉकेट साइंस का उपयोग नहीं किया जा रहा है।नींबू रस की थैरापी को निम्नानुसार अतिरिक्त उपचार के बतौर उपयोग किया जाना प्रस्तावित है:—१. नीबू के रस की दो-दो बूदों को दोनों नथुने में डालना है, नीबू का रस नाक से गले की ओर जाये अत: मुह को ऊपर की ओर रखें। २. नीबू का रस करोना वायरस की बाहरी सतह (outer membrane of corona virus) को नष्ट करने की ताकत रखता है। हमें नीबू इस ताकत का उपयोग अपने हित में करना है। ३. नीबू के रस लगभग एक मिनट में गले में पहुच जाएगा। अतः एक मिनट पश्चात गरम नमक के पानी से कुल्ला कर बाहर निकाल दें। ४. इसी तरह नारियल के तेल की भी दो-दो बूंद नथुनों में डालें इससे नीबू से यदि किसी तरह के इरीटेशन (irritation) को शांत करेगा। ५. पांच ग्राम हल्दी को एक गिलास पानी में उबालें व अपने टेस्ट के अनुरूप नमक व काली मिर्च का चूर्ण डालकर गर्म पेय की तरह पीयें। ६. यह प्रक्रिया दिन तीन बार दोहरायी जा सकती है। इसे तीन दिन तक करें व शेष ११ दिन तक दिन में एक बार करें। ७. यदि करोना फैफड़ों के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है तो नथुनों में डाला गया रस यहॉं नहीं पहुँच पाने के कारण प्रभावी नहीं होगा अत: दो नींबू पानी में निचोड़े, नीम के १०-२० पत्तों, पाँच लोंग, थोड़ी अजुवाइन एवं कपूर की एक टेबलेट को डालकर स्टीमर से भाप बनाकर लें।८. इसे चिकित्सक के द्वारा दिये गये ट्रीटमेंट क् अतिरिक्त करें। चिकित्सक के उपचार को भी यथावत जरूर जारी रखें। ९. नीबू में कोई हानिकारक तत्व नही हैं अतः किसी प्रकार के नुकसान की कोई संभावना नही है। १०. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अनुरोध है कि वे नीबू के रस का करोना वायरस पर असर का वैज्ञानिकता का तथ्य अत्यंत ही आसान से सत्यापित किया जा सकता है। जो भी व्यक्ति करोना टेस्ट के लिये आता है उसके नाक एवं गले के स्वाब को एक की जगह दो-दो लिये जांये दूसरे के टेस्ट के लिये भेजने के पहले लेमन जूस में डिप कर दें। चूँकि लेमन जूस करोना की बाहरी सतह को नष्ट कर उसे निर्मूल कर देगा अत: पहला सेम्पल पोजीटिव व दूसरा लेमन डिप वाला सेम्पल नेगेटिव आयेगा। एक दिन एक सेंटर पर कर इस रिसर्च को दूसरे दिन जनहित में प्रकाशित किया जाये।इसके बाद पोलियो की भाँति पाँच दिन पूरे देश में किया जाये जिससे वातावरण में मौजूद करोना से देश मुक्त हो सकेगा। देश लॉकडाउन के चुगंल से मुक्त हो सकेगा। देश के गरीब लोग अपनी रोज़ी रोटी कमा पायेंगे व वह धन लोलुप पशुओं से भी मुक्ति पा सकेगा।यह मेरे द्वारा स्वयं अजमाया गया व कई अन्य लोगों ने भी इसके प्रभाव की प्रमाणिकता के सत्यापित किया है। पहले को लोगों को अस्पताल में बैड. ऑक्सीजन व इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे थे अब तो उसे शमशान भी नसीब नहीं हो पा रहा है।मेरा मानना है कि इसे आपका ध्यान व प्राथमिकता दोनों मिलना चाहिये।मैथिली शरण गुप्त राष्ट्रीय अध्यक्ष अपराध मुक्त भारत मिशन, एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक (पुलिस सुधार)म,प्र मो-9425606040।
राजेंद्र गुप्ता संभागीय ब्यूरो
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