'जल्दी कुछ कीजिये', 'उठ रहीं लाशें', 'आखिर कब शुरू होगा मेडिकल कॉलेज'
22 अप्रैल 2021
शिवपुरी। आंख बंद कर लेने से हकीकत छुप नही सकेगी। बात हकीकत की करें तो हालात बेकाबू हैं और शिवपुरी महामारी की तगड़ी गिरफ्त में आ चुकी है।
कल ही एक घन्टे के अंदर धड़ाधड़ मौत से जिला अस्पताल दहल उठा। आंकड़ों के बाजीगर हकीकत छुपाए या पर्देदारी करें लेकिन व्यवस्थाओं पर लकवा लग गया है। लगातार मौत थम नहीं रहीं। उस पर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ही नहीं बल्कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की विशेष निगरानी में जिले को मिल रहे जीवन रक्षक इंजेक्शन लोगों को नसीब नहीं हो रहे। हरिओम चौकसे आज शायद जिंदा होते लेकिन समय पर इंजेक्शन नहीं मिल सके। पीछे छोटे छोटे बच्चे बिलखते रह गए हैं। अंत्येष्टि भी जिनेश जैन ने करवाई।
मेडिकल कॉलेज में एक से बढ़कर एक माहिर डॉक्टरो की फ़ौज शिवपुरी में डेरा डाले हुए है। लेकिन यह निजी अस्पतालों में नोट बटोरने में लगे हुए हैं। या फिर निजी अस्पतालों में खुद की प्रैक्टिस जारी रखी है। जिला अस्पताल की टीम के साथ सोहाद्र की बजाए प्रतिस्पर्धा से न तो जिला अस्पताल के डॉक्टर मुस्कुराकर काम कर पा रहे न ही मेडिकल कॉलेज अब तक लड़ाई के लिए तैयार हुआ। बीते साल सेम्पल टेस्टिंग को महीनों टाला जाता रहा था। मीडिया के शोर के बाद सेम्पल टेस्टिंग शुरू हुई। अब जबकि तत्काल मेडिकल कॉलेज का फ्रंट पर आकर खड़ा होना आवश्यक है ऐसे में आज तक सिर्फ तैयारी के दावे भर किये जा रहे हैं। रात दिन एक कर के कैसे भी मेडिकल कॉलेज को कोरोना की जंग में जुटने तैयार करने की दरकार है। वर्ना जिले के लोग कोरोना की भट्टी में इसी तरह झुलसते रहेंगे। सच्चाई इस बात से भी जाहिर है की जिला कोरोना कर्फ्यू में है फिर भी रोज 200 मरीज सामने आ रहे हैं। यानी तत्काल मेडिकल कॉलेज को लड़ाई में कूदने की आवश्यकता है। गुस्ताखी माफ महाराज।
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