उमरिया। बीते दिनो रीवा-सतना बायपास स्थित भगवान परशुराम जी का आश्रम तोड़े जाने के विरोध मे अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा एवं विप्र सेना ने कल जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन मे कहा गया है कि करीब 12 वर्ष पूर्व ब्राह्मण समाज एवं हिंदू धर्म कोलंबिया द्वारा परशुराम जी का उक्त आश्रम बनवाया गया था। जिसे नष्ट कर दिया गया है। इससे हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान के साथ ही धार्मिक भावनायें भी आहत हुई हैं। महासभा ने मांग की है कि तोड़े गये आश्रम को तत्काल यथावत बनाने की अनुमति दी जाय। साथ ही उमरिया नगर के एक चौराहे पर भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करने की मांग भी की गई है। इस अवसर पर अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष चंद्रकांत दुबे, कैलाश द्विवेदी, रामकिशोर चतुर्वेदी पवन भार्गव पत्रकार शिवपुरी गौरव शर्मा बामोर सहित समाज के अन्य प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे।
अपमान बर्दाश्त नहीं
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के वरिष्ठ लोगों ने कहा कि इस तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हो कर तहसीलदार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि रीवा प्रशासन द्वारा रीवा- सतना बायपास मार्ग पर 12 वर्ष पूर्व ब्राह्मण समाज एवं अन्य हिंदू धर्म के लोगों द्वारा निर्मित भगवान श्री परशुराम जी के आश्रम को नष्ट कर दिया गया है तथा स्तर पर मौजूद मंदिरों को क्षति कार्य करके देवों को अपमानित करने का कार्य किया गया है जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस मामले में रीवा क्षेत्र के अलावा प्रदेश के आदेश के ब्राह्मण समुदाय एवं हिंदू वर्ग के जन आक्रोश व रोष व्याप्त है। समाज के लोग उत्तेजित होकर आंदोलन करने को विवश हो रहे हैं। इस दौरान मांग की है कि उक्त आश्रम को यथावत बनाने की अनुमति दी जाए। यदि यह संभव नहीं है तो श्री परशुराम आश्रम मंदिर शिक्षालय व धर्मशाला निर्माण के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए। दूसरी यह मांग की गई है कि उमरिया जिले में हर चौराहे पर किसी ना किसी वीर पुरुषों की मूर्ति स्थापित की गई है। उसी तरह किसी एक चौराहे को चिन्हित कर भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति स्थापित की जाए।
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