नई दिल्ली -भारतीय शादी में सोने से बने गहनें पहनना और लड़की को इसे भेंट में देना एक पुरानी परंपरा है। मगर बढ़ती महंगाई के साथ सोना खरीदना सबके लिए मुमकिन नहीं है। सोना महज एक आभूषण नहीं बल्कि इसे बुरे वक्त के लिए एक बेहतर इंवेस्ट के तौर पर भी देखा जाता है। इसी सिलसिले में बेटियों की शादी (Daughter's Marriage) में उन्हें तोहफे में सरकार 10 ग्राम सोना देगी। इसके लिए असम सरकार ने ‘अरुंधति स्वर्ण योजना’ (Arundhati Gold Scheme) चला रही है। इस योजना पर सरकार हर साल करीब 800 करोड़ रुपए खर्च करेगी। हालांकि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तों एवं नियमों का पालन जरूरी है। तो कौन-सी हैं वो बातें आइए जानते हैं।





1.अरुंधति स्वर्ण योजना का लाभ लेने के लिए लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। साथ ही उसकी शादी का रजिस्ट्रेशन हुआ हो। इसी के आधार पर सरकार उसे 10 ग्राम सोना उपहार के रूप में देगी।

2.योजना का लाभ लेने के लिए दुल्हन के परिवार की सालाना आमदनी 5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।

3.यह योजना लोगों को शादी को पंजीयन कराने के प्रति जागरुक करने के लिए चलाई जा रही है। इसलिए सोना पाने के लिए शादी विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत पंजीकृत होनी चाहिए।

4.बहुत से पिछड़े इलाकों या गांव में लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है। इससे उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है। साथ ही उनके स्वास्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। इससे बचाने के लिए भी अरुंधति स्कीम चलाई जा रही है। योजना का मकसद लड़कियों को शिक्षा के प्रति जागरुक करना है।

5.योजना का लाभ पहली बार शादी करने पर ही मिलेगा। लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। जबकि लड़के की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।