मोजेक रोग के लक्षण पौधे में दिखाई देने पर उखाड़कर गड्डे में दबाकर या जलाकर नष्ट करें। - The Sanskar News

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Friday, August 28, 2020

मोजेक रोग के लक्षण पौधे में दिखाई देने पर उखाड़कर गड्डे में दबाकर या जलाकर नष्ट करें।

द संस्कार न्यूज़ शिवपुरी, 28 अगस्त 2020
शिवपुरी -वर्तमान समय में उड़द मूंग फसल में पीला मोजेक रोग के लक्षण दिखाई दे सकते है। किसान भाई मोजेक रोग की शुरूआत में ही एक दो पौधे दिखाई देने पर पौधों को उखाड कर गड्डे में दबाकर या जलाकर नष्ट करें।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उपसंचालक ने बताया कि खेत के आसपास के खरपतवार को नष्ट कर देना चाहिये। साथ ही रोगवाहक कीट सफेद मक्खी के रोकथाम के लिये सर्वांगी कीटनाशक इनडाक्साकार्व 1.25, एसीटामेप्रिड 2 एम.एल. एक्टीमाप्रिड 2 मि.ली. अथवा इमिडाक्लोप्रिड 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। सोयाबीन की फसल में जिन स्थानों पर रिमझिम वर्षा अभी तक हो रही है वहां पत्ती खाने वाली इल्ली कलियां, फूल या नन्ही फलियों पर भक्षण करती है जिसके कारण अफलन की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका रहती है। ऐसे स्थानों पर कीट नियंत्रण हेतु क्विनालफॉस 1.5 मिली./हेक्टेयर या इन्डोक्साकार्व 333 मिली./हे. या फ्लूबेन्डीयामाईड 39.35 एस.सी. (150 मिली/हे.) का 500 लीटर पानी के साथ छिडकाव करें तथा जिन स्थानो पर फसल में गर्डल बीटल का प्रकोप प्रारंभ हो चुका है वहां थायक्लोप्रीड 21.7 एस.सी. (650 मिली/हे.) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. (1250मिली/हे.) ट्रायझोफॉस (800 मि.ली ध्है ) का 500 ली पानी के साथ छिडकाव करें। कुछ स्थानो पर सोयाबीन मोजाइक/ पीली मोजाइक बीमारी का प्रकोप प्रारम्भ हो गया है। अतः सलाह है कि इससे ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाडकर गड़्डे में गाड़ दे तथा इसका अन्य पौधों पर फैलाने वाली रोगवाहक कीटों के नियंत्रण हेतु बीटासाफ्लूथिन/इमिडाक्लोप्रिड 350 मि.ली./हैक्ट. का 500 ली. पानी के साथ छिड़काव करें।  


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