नेपाल के प्रधानमंत्री ने नीच हरकत के लिए अपने देश को बेच दिया. जी, चीन ने अपनी सेना के जासूस होऊ यांकी को नेपाल में राजदूत बनाकर भेजा, होऊ यांकी नेपाल पहुँचते ही काम पर लग गयी और सिर्फ 3-4 मुलाकातों में ओली को हनी ट्रैप में फंसा लिया. ओली की नंगी विडियो और तस्वीरें चीन के पास पहुँच गयी और तब से चीन ओली को अपने इशारे पर नचा रहा है.
इसके बाद ओली के पार्टी के नेताओं को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने ओली से तुरंत इस्तीफा माँगा पर बेशर्म वामपंथी ओली ने तब भी इस्तीफा नहीं दिया. इस सबके बीच शुक्रवार को तब सनसनी फैल गई जब एक नेपाली ट्विटर यूजर ने ऐलान किया कि वो ओली का अश्लील वीडियो रिलीज करने वाला है.
कहा जाता है कि नेपाल में चीन की राजदूत, वहां के कम्यूनिस्ट नेताओं से लगातार संपर्क में है. चीन की राजदूत इन नेताओं के साथ लगातार मीटिंग कर रही हैं. चीन को इस बात का डर है कि नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी टूट ना जाए और अगर ऐसा हुआ, तो नेपाल में चीन की पकड़ कमजोर हो जाएगी. इसलिए चीन ने पूरा जोर लगा दिया है कि केपी शर्मा ओली अभी प्रधानमंत्री पद से ना हटें, क्योंकि ऐसा होने पर ये संकेत चला जाएगा कि नेपाल के मामले में भारत, चीन से जीत गया है.
ये भी बताया गया है कि नेपाल के मामले में चीन ने अब पाकिस्तान को भी सक्रिय कर दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, केपी शर्मा ओली से बातचीत करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने समय मांगा है. यानी भारत के खिलाफ चीन, नेपाल और पाकिस्तान का गठबंधन बनाना चाहता है और भारत को हर तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है.
नेपाल और भारत के बीच आज के नहीं, हजारों वर्ष पुराने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध हैं. दोनों देशों के बीच करीब 18 सौ किलोमीटर की खुली सीमा है, जिसमें कहीं भी आने जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है. नेपाल के करीब 60 लाख नागरिक, भारत में रहते हैं और करीब 6 लाख भारतीय, नेपाल में रहते हैं. 45 हजार से ज्यादा नेपाली नागरिक भारतीय सेना और पैरामिलिट्री के सैनिक हैं.
नेपाल की सीमा पर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों के लोगों के रिश्ते नेपाल में हैं. दोनों देशों के बीच का रिश्ता, रोटी-बेटी का रिश्ता कहा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम तीन बार नेपाल के दौरे पर जा चुके हैं. वर्ष 2014 में पहली बार जब वो प्रधानमंत्री बने थे, तो जिन देशों में वो सबसे पहले गए, उनमें नेपाल भी शामिल था. तब 17 वर्षों के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री नेपाल के दौरे पर गया था.
लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के व्यक्तिगत हितों और सत्ता में बने रहने की महत्वाकांक्षा ने आज नेपाल और भारत के बीच दीवार खड़ी करने की कोशिश की है. भारत ने तो नेपाल के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा, लेकिन ओली ने नेपाल को भारत का दुश्मन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अब ओली की कुर्सी रहे या ना रहे, बड़ा सवाल ये है कि भारत से जो दूरियां ओली ने बना दी हैं, वो अब कैसे खत्म होंगी.
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