दा संस्कार न्यूज़ 2 जुलाई 2020
ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर को आतंकमुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बल एक के बाद एक सख्त कदम उठा रहे हैं। आतंकियों के सफाए के लिए अब पुलिस ने टॉप-12 आतंकियों की हिट लिस्ट बनाई है। हिट लिस्ट में जैश-ए-मोहम्मद के तीन, लश्कर के पांच और हिजबुल के चार आतंकी हैं। इसमें जैश का कश्मीर में ऑपरेशनल कमांडर गाजी रशीद और लंबू के अलावा हिजबुल का डॉ. सैफुल्ला और लश्कर के उस्मान व नसरुल्ला उर्फ नासिर सबसे ऊपर रखा है। वादी में इस समय करीब 170 आतंकी सक्रिय हैं। इन्हें जल्द ही मार गिराया जाएगा। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि आतंकियों ने अब जान बचाने के लिए ही नहीं, सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए भी मस्जिदों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
मस्जिदों में छिप रहे आतंकी
उत्तरी कश्मीर में बारामुला जिले के सोपोर में भी बुधवार को हमला मस्जिद में छिपे आतंकियों ने किया था। इसलिए अब वह सभी मस्जिद प्रबंधक और औकॉफ कमेटियों से आग्रह करते हैं कि वह आतंकियों को मस्जिदों का इस्तेमाल करने से रोकें। कश्मीर पुलिस रेंज के आइजी के पद पर अपने छह माह पूरे होने के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में विजय कुमार ने कहा कि बीते छह माह में कश्मीर में मारे गए 118 आतंकियों में 107 स्थानीय व 11 विदेशी थे। मारे गए आतंकियों में हिजबुल मुजाहिदीन के 57, लश्कर के 24, जैश के 22, आइएसजेके के सात, अंसार गजवात उलहिंद के सात और अलबदर का एक आतंकी शामिल है। इनमें छह बड़े कमांडर रियाज नाइकू, फौजी भाई, कारी यासिर, जुनैद सहराई, लश्कर का हैदर और एजीएच का बुरहान कोका भी शामिल हैं।
आतंकियों से दूर हो रहे युवा
स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती के बारे में आइजीपी ने कहा कि अगर बीते साल से तुलना करें तो यह कम है। पिछले साल पहली जनवरी से 30 जून 2019 तक 129 लड़के आतंकी बने थे। वहीं, इस साल इस अवधि में सिर्फ 67 लड़के ही आतंकी बने हैं। इनमें से भी 24 मारे जा चुके हैं और 12 को पकड़ा गया गया है। शेष विभिन्न आतंकी संगठनों में सक्रिय हैं। इस दौरान 15 नागरिक भी आतंकी वारदातों में मारे गए हैं। आइजीपी ने कहा कि अगर कोई स्थानीय युवक जो कुछ समय पहले आतंकी बना है, अगर सरेंडर करता है, मुख्यधारा में लौटता है तो हम उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे।
ये हैं हिट लिस्ट
हिट लिस्ट में जैश-ए-मुहम्मद 1. लंबू भाई 2. गाजी रशीद, लश्कर-ए-तैयबा 3. उस्मान, 4. सज्जाद 5. यूसुफ तांत्रे 6. इसहाक 7. नासिर उर्फ नसरुल्ला, हिजबुल मुजाहिदीन 8.सैफुल्ला 9. फारुक 10.अशरफ मौलवी 11.जहूर
आतंकियों के पास हथियारों की कमी नहीं
आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि कश्मीर में आतंकियों के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। बीते छह माह में मारे गए 118 आतंकियों के पास से 62 असॉल्ट राइफल, 9 एसएलआर राइफल, एक एम-2 कार्बाइन, एक पीका गन और 44 पिस्तौल बरामद हुई हैं। आतंकी पिस्तौल का इस्तेमाल भीड़ भरे इलाकों में वारदात के लिए करते हैं।
अभियानों के दौरान जवानों के पास नहीं होंगे मोबाइल
आइजीपी ने कहा कि आतंकरोधी अभियानों के दौरान या ड्यूटी के समय पुलिस या केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान अब अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। मोबाइल फोन के कारण कई बार ऑपरेशनल दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। मुठभेड़ के दौरान जवान को घर से फोन आ जाए तो उसका ध्यान भटक जाता है। वर्ष 2018 में हमने पाया कि विभिन्न सुरक्षा शिविरों के संतरी ने रात को फोन ऑन किया और उसकी रोशनी से आतंकियों ने उसकी स्थिति का पता लगा उसे दूर से निशाना बनाया। जल्द ही एकीकृत मुख्यालय की बैठक में इस पर एक नीति तैयार की जाएगी।
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