२१ जून २०२० को पड़ने वाले सूर्यग्रहण का महाप्रलय कारी फलादेश ।
वर्तमान स्थिति में जहां विश्व मानव #coronavirus जैसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है,विश्व के लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था हिलोरे खा रही है, ऐसे समय पर २१ जून को आने वाला सूर्यग्रहण जले पर नमक नहीं बल्कि बारूद छिड़कने का काम करेगा ।
इस विषय पर ज्योतिषीय आकलन शुरू करने से पहले हम यहां इस संदर्भ में कवि घाग की एक पंक्ति प्रस्तुत करना चाहते हैं जो कि बहुत ही प्रासंगिक है। वे कहते हैं –
एक पाख दो गहना ।
राजा बचे न सेहना ।।
यानी कि यदि १ पक्ष में २ ग्रहण पड़ते हैं तो यह राजा और प्रजा दोनों के लिए अनिष्टकरी होता है।
आने वाले आषाढ़ मास में एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन ग्रहण लगने वाले हैं , जिनमें से ५-६ जून को पड़ने वाला चन्द्र ग्रहण तथा २१ जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा । इसके बाद ४-५ जुलाई को पड़ने वाला चन्द्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा । इन सबमें से २१ जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण सबसे अनिष्टकारक होगा क्योकि यह इन तीनों को कनेक्ट करने का काम करेगा।
अब आइए २१ जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय आकलन कर लेते हैं।
सबसे पहले तो इस ग्रहण का सबसे नकारात्मक असर मिथुन और धनु राशि पर पड़ेगा जिसके कारण अमेरिका ,यूरोप सहित अफ्रीकी देशों पर अपना गहरा दुष्प्रभाव डालेगा ।
इस दिन मंगल का जल तत्व की मीन राशि में स्थिति तथा मंगल की चतुर्थ दृष्टि से मिथुन राशि स्थित सूर्य ,चन्द्र ,बुध , राहु को देखना देश में अतिवृष्टि , बाढ़ ,चक्रवर्ती तूफान आदि भयंकर समस्याएं उत्पन्न करेगा ।
इस दिन गुरु ,शुक्र,शनि ,राहु ,केतु सहित ५ ग्रह वक्री होंगे जिसके कारण भारत ,पाकिस्तान ,अफ़ग़ानिस्तान सहित कई पश्चिमी देशों में भयंकर वर्षा कराएगा । आने वाले २ से ३ महीनों में खाद्यान्न की भारी कमी ,बेरोजगारी ,भुखमरी ,लुट खसोट जैसी भीषण स्थितियों से देश को जूझना पड़ेगा । चीन का अरब सागर तथा हिमालय के क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को तेज करना भारत की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल उठाए गा ।
देश और विश्व में राजनीतिक अस्थिरता का वातारण बन जाएगा ।
मीडिया ,पत्रकारिता जगत में भी इसी समय स्थितियां चरमरा जाएंगी । न्यूज़ चैनलों को भारी नुकसान होगा ।
कुल मिलाकर आने वाला समय विषम परिस्थितियों से भरा रहेगा । व्यक्ति का आत्मबल व आध्यात्मिक बल ही उसे पार करेगा ।
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