गेहूं के फर्जी पंजीयन के कई मामले सामने , बटाई नामा के नाम पर 1000,1200 लगभग कुन्टल के फर्जी पंजीयन,
शिवपुरी, कोलारस में गेहूं के पंजीयन का सत्यापन किया जाये तो कई ऐसे मामले सामने आय जिनमें किसानों की आड़ में बटाई नामा के नाम फर्जी पंजीयन किसान को अपनी जमीन का सत्यापन ही नहीं किया उसकी जमीन पर बटाई के नाम पर फर्जी पंजीयन । शिवपुरी प्रशासन का फर्जी पंजीयन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रशासन की कोई जांच नहीं, जिससे जो अपनी स्वयं की गेहूं की फसल लेना बताकर फर्जी पंजीयन का मामला । वहीं समिति के कर्मचारियों की मिलीभगत से पड़ती भूमि के पंजीयन का प्रकरण । जिससे किसानों गेहूं को पंजीयन पर बैचेन 4से5 दिन लम्बी लाइन में लगना पड रहा है। गरीब किसानों के गेहूं कम दाम में खरीद कर बटाई नामा फर्जी पंजीयन पर लें रहे हैं। बटाई नामा का आधार, सामग्र आईडी ली जाये तो हजारों फर्जी पंजीयन पकड़े जा सकते हैं, जबकि मौके पर किये गये सत्यापन में इनमें से 50 प्रतिशत फर्जी किसानो ने धंधा बनाया रखा। यहां तक की ग्रामवासियों को भी यह जानकारी नहीं कि ये किसान गांव के हैं । शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने के प्रयास करने के फर्जी पंजीयनो के संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध शीघ्र कार्यवाही की जायेगी । फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में संलिप्त नोटरी और कर्मचारियों की जांच कर कार्यवाही के निर्देश एसडीएम को हैं। उल्लेखनीय है कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा पत्रिका ने प्रमुखता से किया जाए। कोलारस तहसील अंतर्गत ई-उपार्जन के पंजीयन केन्द्रों में फर्जी ठासनामा तैयार कर सिकमी के फर्जी पंजीयन कराने के मामले की जांच अधिकारी से कराई जाए। जांच प्रतिवेदन किसानों के आधार, जमीन की किताब लेकर ही किसानों का गेहूं तौला ।
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