ऑन ड्यूटी एसआई अशरफ अली जब डीएसपी बेटी को सैल्यूट करते हैं तो सहयोगी अमला भी दंग रह जाता है। लेकिन वे कहते हैं कि गुरू शिष्य से, पिता पुत्र से और भगवान भक्त से हारने के बाद भी दुखी नहीं होते। मैं भी गौरान्वित हूं। खुशी है कि जिस पद पर मैं नहीं पहुंच पाया, बेटी कॅरियर की शुरुआत उसी से कर रही है।
उपनिरीक्षक अशरफ अली मूलत: यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं। इंदौर के लसूडिय़ा थाने में पदस्थ हैं। परिवार भी यहीं रहता है, लेकिन गत माह मां का इंतकाल हो गया था, जिस कारण पत्नी व बच्चों के साथ बलिया गए थे। तभी लॉकडाउन शुरू हो गया और वहीं रह गए। इंदौर पहुंचना मुश्किल था, इसलिए किसी प्रकार सीधी पहुंचे। जिसके बाद पुलिस हेडक्वार्टर के आदेश पर और पुलिस अधीक्षक आरएस बेलवंशी के निर्देश पर अशरफ अली अंसारी अब मझौली थाने में ही अपनी सेवा दे रहे हैं. यहां उनकी बेटी शाबेरा अंसारी प्रशिक्षु डीएसपी हैं। एसआई अंसारी अब उसी थाने में सेवाएं दे रहे हैं, जिसकी प्रभारी उनकी बेटी हैं। दोनों खुश हैं कि संकट के समय उन्हें साथ काम करने का मौका मिला है।
अशरफ अली वर्ष 1988 में कांस्टेबल पद पर चयनित हुए थे, प्रमोशन के बाद अब वह सब-इंस्पेक्टर पद पर इंदौर के लसूड़िया थाने में कार्य कर रहे थे। वहीं उनकी बेटी शाबेरा अंसारी साल 2013 में सब इंस्पेक्टर बनीं. हालांकि बाद में उन्होंने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और 2016 में डीएसपी पद के लिए चुनी गईं. फिलहाल वो ट्रेनिंग पीरियड में हैं और सीधी जिला अंतर्गत मझौली थाने में बतौर थाना इंचार्ज काम कर रही हैं.
कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन बेटी के साथ काम करना पड़ेगा
डीएसपी बेटी ने कहा- एसआई पिता से बहुत कुछ सीखने को मिला
शाबेरा अंसारी ने कहा कि पिता के साथ काम करने पर यह सीखने को मिला कि हमेशा शांत होकर देश और समाज का काम करना चाहिए। पिताजी के साथ काम करने के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला है।
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