बता दें अगर आपके पास BS-4 इंजन वाली कार है तब भी इसमें BS6 ईंधन डाल सकते हैं। BS4 से BS6 हो जाने पर पेट्रोल पर नहीं बल्कि डीजल पर ज्यादा असर होगा। नए डीजल में सल्फर की मात्रा कम होगी, जो पहले बिकने वाले डीजल में 500 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) था। अब तक बिक रहे डीजल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम थी। वहीं BS-6 डीजल में इसकी मात्रा महज़ 10 पीपीएम रह जाएगी। इससे कम प्रदूषण फैलेगा और इंजन भी आसानी से चलेगा, जिससे इसे लंबे समय तक ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
बता दें किसी पुराने वाहन को BS-6 स्टैंडर्ड में कन्वर्ट किया जाता सकता है, लेकिन भारत में ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर माइलेज की बात करें इसमें मामूली अंतर होगा। टेस्टिंग के दौरान BS-6 इंजन वाली मारुति डिजायर का माइलेज 21.21 किलोमीटर प्रति लीटर था, जबकि, BS4 वाले इंजन के साथ यह 22 किलोमीटर प्रति लीटर था।
No comments:
Post a Comment