बैतूल। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में वैसे तो विभिन्ना विभागों के कई अधिकारी और कर्मचारी अपना योगदान दे रहे हैं, लेकिन कुछ कोरोना योद्धाओं का योगदान अपने आप में विशिष्ट है। जिले में दो ऐसे उदाहरण हैं और यह दोनों शाहपुर से ताल्लुक रखते हैं।
एक डॉक्टर दंपती जहां शादी के चार दिन बाद ही कोरोना महामारी को देखते हुए ड्यूटी पर पहुंच गए और निरंतर सेवा दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक डॉक्टर और उनकी सब इंस्पेक्टर पत्नी भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में मुस्तैदी से सेवा में जुटे हैं।

नवविवाहित डॉक्टर दंपती शाहपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. अक्षय सवाईतुल और डॉ. यूपा वर्मा हैं। युवा चिकित्सक डॉ. अक्षय और डॉ. यूपा 12 फरवरी को ही परिणय सूत्र में बंधे हैं। नई नवेली दुल्हन के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि विवाह के चार दिनों बाद ही कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
ऐसे में यह दोनों पति-पत्नी सामाजिक रस्मों रिवाज और पारिवारिक आकांक्षाओं को दरकिनार कर अपने कर्तव्य के निर्वहन करने के लिए ड्यूटी पर हाजिर हो गए। विगत एक माह से दोनों दिन-रात अस्पताल में अपनी सेवाएं दे हैं। इसी बीच 26 मार्च को डॉ. यूपा के नानाजी बच्चू भाई चनावाला की भरूच गुजरात में 26 मार्च को किडनी फेल होने से मृत्यु हो गई।
उनके अंतिम संस्कार में भी यह डॉक्टर दंपती शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि उन्होंने सेवा को प्राथमिकता दी।
पति चिकित्सक, पत्नी उपनिरीक्षक
इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में ही खंड चिकित्सा अधिकारी के रूप में डॉ. शैलेंद्र साहू और उनकी पत्नी जागृति शाहपुर थाने में उप निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। डॉ. साहू अभी तक कोरोना के तीन संदिग्ध मरीजों के सैंपल ले चुके हैं और पांच को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया। वे सुबह से रात तक और आकस्मिक सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. साहू की पत्नी जागृति भी कोरोना में एक सजग प्रहरी बन कर लोगों को लॉकडाउन के प्रति जागरूक कर रही हैं।
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