असल जिंदगी में रामभक्ति में लीन रहते हैं टीवी के 'रावण', 'रामायण' के दोबारा शुरू होने पर हुए भावुक - The Sanskar News

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Saturday, April 11, 2020

असल जिंदगी में रामभक्ति में लीन रहते हैं टीवी के 'रावण', 'रामायण' के दोबारा शुरू होने पर हुए भावुक

असल जिंदगी में रामभक्ति में लीन रहते हैं टीवी के 'रावण', 'रामायण' के दोबारा शुरू होने पर हुए भावुक

11 Apr 2020 08:35 AM IST
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arvind trivedi - फोटो : social media
'रामायण' की टीवी पर वापसी के बाद दर्शकों के चेहरे खिले हुए हैं। लोगों में इस सीरियल को देखने का क्रेज अभी भी वैसा ही है जैसे पहले था। राम, सीता और लक्ष्मण के अलावा जिस किरदार ने लोगों का ध्यान खींचा वो रावण ही था। शो में रावण की चाल-ढाल से लेकर डायलॉग बोलने और हंसने का तरीका भी दर्शकों को काफी रास आया था। 'रामायण' में भले ही रावण राम के खिलाफ थे लेकिन असल जिंदगी में वो रामभक्त हैं।रामायण' में रावण का किरदार अरविंद त्रिवेदी ने निभाया था। अरविंद अब 82 साल के हो गए हैं और सीरियल से उलट हमेशा रामभक्ति में लीन रहते हैं। 'रामायण' का दोबारा प्रसारण शुरू होने से अरविंद त्रिवेदी बहुत खुश हैं और रोजाना 'रामायण' भी देखते हैं। कई बार भावुक भी हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर अरविंद त्रिवेदी के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।


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अरविंद त्रिवेदी को रावण के रोल में लोगों ने बहुत पसंद किया था। बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि वो रामायण में रावण का नहीं बल्कि केवट का रोल करना चाहते थे। इस बात का खुलासा खुद अभिनेता ने एक इंटरव्यू में किया था।


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arvind trivedi ravan - फोटो : Social Media
अरविंद त्रिवेदी ने इंटरव्यू में किस्सा साझा करते हुए कहा था- 'मेरी इच्छा सीरियल में केवट का रोल करने की थी। इसलिए मैंने रामानंद सागर से इस किरदार को करने की गुजारिश की थी। वो इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने को कहा। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी। इसके बाद थोड़ी देर के लिए सन्नाटा पसर गया। जब मैं स्क्रिप्ट वापस देकर जाने लगा तो रामानंद सागर ने रोककर बोला कि उन्हें अपना लंकेश मिल गया। उनकी इस बात को सुनकर मैं हैरान हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा था।'


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अरविंद त्रिवेदी ने कहा- 'जब मैंने रामानंद सागर से कहा कि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा। जवाब में उन्होंने कहा- 'वो मेरी चाल ढाल देखकर समझ गए थे कि वही उनके रावण बनने योग्य है। उन्हें रामायण के लिए ऐसा रावण चाहिए जिसमें बुद्धि-बल हो और मुख पर तेज हो।'

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