मध्यप्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बनाई जा रही संभावित मिनी कैबिनेट को लेकर एक तरफ जहां राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारियों के बीच चिंतन एवं मंथन का दौर जारी है ,वहीं दूसरी और कल भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुख्य योद्धा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान द्वारा बनाई जाने वाली मिनी कैबिनेट का विरोध करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में उन्होंने मिनी कैबिनेट के संबंध में अपनी बात को बेहद सकारात्मक तरीके से सामने रखा ।
सिंधिया समर्थकों की जीत पर होगा असर ।
सिंधिया द्वारा अमित शाह से हुई मुलाकात के संबंध में सूत्र बताते हैं कि जबसे मध्यप्रदेश में मिनी कैबिनेट के गठन के विषय में बातचीत चली है तभी से इस बात को लेकर लगातार विरोध सामने आ रहा है कि मिनी कैबिनेट बनाए जाने के कारण सिंधिया समर्थकों में निराशा का माहौल है , जिसका मुख्य कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते वैसे भी मंत्रिमंडल1 माह से अधिक टल चुका है ,वहीं दूसरी ओर सिंधिया समर्थक वे विधायक जो लगातार अपने क्षेत्र में जाकर कार्य कर सकते थे , वह सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच चुनाव पहुंचते हुए लॉक डाउन के कारण घरों में कैद है , इस स्थिति में भी अगर उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाता तो आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका विपरीत असर पड़ेगा , सिंधिया समर्थक एक विधायक के अनुसार अगर समय पर मंत्री बना दिया जाता है तो अपने क्षेत्र में कुछ काम करने की स्थितियां बन जाएंगी , जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा, अगर अभी भी मंत्रिमंडल में उनको स्थान नहीं दिया गया अथवा एक महीना और लेट हुआ तो इसका विपरीत असर विधानसभा चुनाव में पड़ेगा ।
घरों में कैद हैं सभी विधायक ।
सिंधिया समर्थक सभी विधायक लगभग लॉक डाउन के चलते अपने घरों में कैद है वहीं उनके समर्थकों द्वारा लोक डाउन का पालन करते हुए ज्योतिराज सिंधिया जी के निर्देश पर गरीब जनता की सेवा हेतु मानवीय कार्य किए जा रहे हैं, परंतु फिर भी सभी विधायक खुलकर जनता के बीच नहीं पहुंच पा रहे, डोर टू डोर संपर्क अभियान भी पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है , ऐसी स्थिति में अगर उन्हें मिनी मंत्रिमंडल के बहाने और ताला जाता है तो निश्चित रूप से जनता के बीच काम करने का मौका एवं समय बेहद कम रह जाएगा ।
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