-सिंधिया को कांग्रेस ने मान, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा दी, जो उन्हें भाजपा नहीं देगी
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शिवपुरी ब्यूरो। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कॉन्ग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जिले के सभी सिंधिया निष्ठ कांग्रेसियों ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया हैं, लेकिन पोहरी के पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में रहकर कांग्रेस के लिए आजीवन कार्य करते रहेंगे। उन्होंने सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे पर तंज कसते हुए कहा कि 40 साल से जो वायरस कांग्रेस में था वह अब भाजपा में पहुंच गया।
श्री शुक्ला ने वायरस शब्द का खुलासा करते हुए कहा कि सिंधिया परिवार का भाजपा और कांग्रेस में बर्चस्व था। जिसके कारण वे अपना चुनाव भी खुलकर नहीं लड़ सकते थे और न ही उनके खिलाफ खुलकर बोलने की आजादी थी। लेकिन अब उन्हें खुशी हैं कि वे आजाद होकर कांग्रेस में रहकर खुलकर कार्य कर सकेंगे। श्री शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया को मान सम्मान, पद, प्रतिष्ठा सब कुछ दिया, लेकिन किन्हीं कारणों वश उनके द्वारा कांग्रेस छोडऩा दुर्भाग्य पूर्ण हैं। जो सम्मान कांग्रेस ने उन्हें दिया वह भाजपा उन्हें सात जन्म में भी नहीं दे सकती। शुक्ला ने आगे बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चम्बल संभाग के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों ही थे। उनके इशारे पर पार्षद से लेकर सांसद का टिकिट फाईनल किया जाता था। इतना ही नहीं इन दोनों संभागों में चपरासी से लेकर कमिश्नर तक अधिकारी की पदस्थापना की जाती थी। इस सबके बाबजूद भी सिंधिया ने महज राज्य सभा सदस्य चुने जाने के लिए कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थामना उनके लिए उचित नहीं हैं। उन्हें आश्चर्य हैं कि सिंधिया जैसे कद्दावर और मैदानी नेता पिछले दरबाजे से राज्य सभा क्यों जाना चाहते हैं। प्रदेश कांग्रेस में सिंधिया की जा रही उपेक्षा एवं कमलनाथ सरकार द्वारा चुनावी बचन पत्र को पूरा न करने के लगाए गए आरोपों को श्रेय से खारिज करते हुए शुक्ला ने कहा कि यह उनकी मनगढ़त कहानी हैं। जो आरोप लगाए हैं वह सरासर गलत हैं। बचन पत्र एक दिन में पूरा नहीं किया जाता। समय लगता हैं किसानों का एक लाख तक का कर्जा माफ किया जा चुका हैं। अन्य जो भी बचन पत्र हैं वह धीरे-धीरे पूरे किए जा रहे हैं।
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पिछोर विधायक केपी सहित हरीवल्लभ , श्रीप्रका शर्मा, अन्नी , रामकुमार पार्टी नहीं छोडऩे वालों में शामिल
शिवपुरी || कांग्रेस से भाजपा में गए वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने से कांग्रेस में भगदड़ का वातावरण उत्पन्न हो गया है। जिले में कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है और अपनी निष्ठा सिंधिया के प्रति व्यक्त की है। कांग्रेस के सभी सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी कांग्रेस छोड़कर सिंधिया में अपनी आस्था व्यक्त कर चुके हैं। लेकिन कुछ गिने चुने पार्टी नेता अभी भी कांग्रेस में हैं। हालांकि पिछोर विधायक केपी सिंह अभी भी कांगे्रस में जमे हुए हैं। केपी सिंह, दिग्विजय सिंह समर्थक माने जाते हैं। 6 बार के विधायक होने के बाद भी उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन उनकी कांगे्रस निष्ठा में कोई फर्क नहीं आया। पोहरी के पूर्व विधायक हरीवल्लभ शुक्ला, जिला कांगे्रस के पूर्व अध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा, नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामकुमार यादव ने सिंधिया के साथ न जाने का निर्णय लेकर कांग्रेस में बने रहने का फैसला किया है।
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बैराड़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने दिया इस्तीफा
बैराड़ नि.प्र.। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पूर्व मंडल अध्यक्ष पिपलौदा ने बताया कि बैराड़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने अपना पूरा इस्तीफा जिलाध्यक्ष कांग्रेस को भेज दिया गया हैं। पूरा बैराड़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं। श्री पिपलौदा ने कहा कि ब्लॉक कागं्रेस अध्यक्ष रामपाल के नेतृत्व में हमने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया गया हैं और हमतो सिंधिया जी के साथ हैं और कहा कि अब पूरे प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति उ.प्र. जैसी हो गई हैं। इस्तीफा देने वाले कांग्रेसियों में ब्लॉक अध्यक्ष रामपाल रावत मंडल अध्यक्ष गोवर्धन ओमप्रकाश पिपलोदा मंडल अध्यक्ष बैराड़ पवन गुप्ता मंडल अध्यक्ष बीलबरा ह के रावत शाहिद पूरी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने वेरने बैराड़ बैराड़ ने अपना इस्तीफा अपने पदों से दे दिया है।
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