Publish Date:20-Mar-2020

मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरूवार रात्रि साढ़े 11 बजे उन 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जो बैंगलूरू में एक रिसोर्ट में बैठे हुए हैं। इन विधायकों ने वहीं से बीजेपी नेताओं के हाथ अपने इस्तीफे भेजे थे। इन विधायकों ने ई-मेल से भी इस्तीफे भेजे थे। प्रजापति ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में भी इन विधायकों ने इस्तीफे स्वीकार करने का अनुरोध किया गया। प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में दिये गये आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी विधायक नहीं आना चाहते। उधर, बीजेपी एवं कांग्रेस दोनों ही दलों की ओर से व्हीप जारी की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। इसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रात्रि में डीजीपी को एक पत्र लिखा है, जिसमें बीजेपी के विधायकों की सुरक्षा की मांग की गयी है। नये घटनाक्रम के बीच कमलनाथ सीएम हाऊस में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, वहीं शिवराज सिंह चौहान भी सीहोर की ओर रवाना हो गय हैं।
प्रजापित ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किये गये सवालों पर कहा कि मैं, इस संबंध में कुछ नहीं कहूंगा। इन विधायकों ने ताे मुझे ही पार्टी बना दिया। इन 16 विधायकों के इस्तीफें मंजूर करने के बाद अब पूर्व में स्वीकार 6 विधायकों को मिलाकर 22 तथा 2 रिक्त सीटों को मिलाकर 24 सीट रिक्त हो गयी हैं। अब बचे 206 विधायक संख्या के हिसाब से 104 विधायकों की जरूरत होगी। बीजेपी के पास नारायण त्रिपाठी को हटा भी दिया जाए तो 106 विधायक हैं। इनकी परेड भी राज्यपाल के सामने पेश किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस के पास अब 92 विधायक शेष बचे हैं। 7 विधायक निर्दलीय एवं बीएसपी एवं एसपी के हैं।
यह भी माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार न्यायपालिका की शरण में भी जा सकती है। उधर, विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर भी अभी कार्यसूची जारी नहीं हुई है। कमलनाथ की ओर से बुलाई गयी प्रेस कांफ्रेंस में अपनी सरकार के अब तक के कार्यों का ब्यौरा देंगे। इसमें कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते है। माना जा रहा है कि सीएम कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ को झटका देते हुए शुक्रवार शाम तक बहुमत साबित करने को कहा है। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एमपी विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापित को आदेश दिया कि वे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं और इस सत्र में फ्लोर टेस्ट करावाया जाए। अदालत ने 20 मार्च को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
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