
संस्कार न्यूज़।
सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे बच्चे पर मातृत्व अवकाश नहीं देने की उत्तराखंड सरकार की नीति में दखल देने से शनिवार को इनकार कर दिया। उत्तराखंड सरकार की एक महिला कर्मी ने शीर्ष कोर्ट में याचिका देकर तीसरे बच्चे पर भी मातृत्व अवकाश देने की मांग की थी। जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील मनोहर प्रताप ने दलील दी कि राज्य सरकार की तीसरे बच्चे पर मातृत्व अवकाश नहीं देने की नीति अनुच्छेद-14 और 42 की परिकल्पना के अनुरूप नहीं है। पीठ को महिलाओं के हित को देखते हुए इस मामले को अलग दृष्टिकोण से देखना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक महिलाएं लाभांवित हों। पीठ ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा, यह नीतिगत मामला है और हमें इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं दिखता। याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ के उस आदेश को बहाल रखा जिसमें तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश देने से इनकार किया गया था।
गौरतलब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार द्वारा के उस नियम को असांविधानिक करार दिया था जिसमें दो बच्चों तक ही मातृत्व अवकाश का प्रावधान था। उत्तराखंड सरकार ने इस फैसले को हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी थी। खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को दरकिनार कर दिया था।
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