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Sunday, February 16, 2020

कमलनाथ-ज्योतिरादित्य सिंधिया विवाद में कूदे एक और मंत्री


17 फरवरी 2020 संस्कार न्यूज़

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि कमलनाथ सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को निभाया नहीं है। इसे लेकर उन्होंने चेतावनी दी थी कि वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।


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मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह
   

हाइलाइट्स:

  • कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया विवाद में एमपी के एक और मंत्री की एंट्री
  • गोविंद सिंह ने कहा कि सिंधिया को सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान नहीं देना चाहिए
  • संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि जो भी सड़क पर उतरना चाहता है उतर सकता है
  • चंबल इलाके के भिंड से आने वाले गोविंद सिंह सिंधिया विरोधी खेमे के माने जाते हैं

भोपाल
मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाद सुर्खियों में है। सिंधिया अपनी ही सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरने की धमकी दे चुके हैं तो कमलनाथ ने भी कहा है कि उनकी मर्जी है तो सड़क पर उतर सकते हैं। अब इस सियासी घमासान में एमपी के एक और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह की एंट्री हुई है।
कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, 'जो भी सड़क पर उतरना चाहता है, उतर सकता है। राज्य सरकार अपने वादों को पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है न कि एक साल में। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें ऐसे बयान सार्वजनिक रूप से नहीं देने चाहिए। जो काम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को राज्य के लोगों ने दिया था उसे हमारी पार्टी के नेता नहीं पूरा कर सकते हैं।'


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कौन हैं गोविंद सिंह
2018 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर गोविंद सिंह भिंड जिले की लहार सीट से 7वीं बार विधायक बने थे। कमलनाथ सरकार में पहले उन्हें सहकारिता एवं संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि पोर्ट फोलियो पर नाराजगी के बाद गोविंद सिंह को सामान्य प्रशासन विभाग भी दिया गया था। वैसे तो गोविंद सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र वाली ग्वालियर सीट के पड़ोस के भिंड इलाके से आते हैं लेकिन उन्हें सिंधिया विरोधी खेमे का माना जाता है।

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कमलनाथ-ज्योतिरादित्य में क्या विवाद
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि कमलनाथ सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को निभाया नहीं है। इसे लेकर उन्होंने चेतावनी दी थी कि वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग बीच में ही छोड़कर सिंधिया उठकर चले गए। इस बैठक में कमलनाथ भी मौजूद थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया शिक्षकों के मुद्दे को लेकर भी अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं।

उन्होंने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में गेस्ट टीचर्स को संबोधित करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में नहीं हिचकिचाएंगे। सिंधिया की इस धमकी पर जब सीएम कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा, 'तो (सड़क पर) उतर जाएं।'

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