मप्र / मुझसे पहले के सीएम ने 21 हजार घोषणाएं कीं; सब जानते हैं उनका क्या हुआ, इसलिए मैं घोषणा नहीं करता: कमलनाथ
- शबरी जयंती पर कमलनाथ बोले- आदिवासियों का पलायन रोकेंगे और उन्हें यहीं पर रोजगार देंगे
- वित्तमंत्री भनोट ने कहा-2003 में 23 हजार करोड़ कर्ज था, जो आज बढ़कर1 लाख 80 हजार हो गया।
डिंडौरी. सोमवार को शबरी जयंती के माैके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ डिंडोरी पहुंचे। यहां उन्होंने कहा, 'मैं घोषणाकरने पर विश्वास नहीं करता हूं।पिछली सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 21 हजार घोषणाएं कीं। उनका परिणाम क्या हुआ, इसे पूरा प्रदेश जानता है। जनता को घोषणाओं पर ताली नहीं बजानी चाहिए। जब काम पूरा हो जाए, उन्हें महसूस हो कि उनका विकास हो रहा है, रोजगार मिल रहा है, तब ताली बजाएं। हमारी सरकार बोलने पर नहीं काम करने पर विश्वास करती है।'
कमलनाथ ने आगे कहा किप्रदेश में युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश का नया माहौल बनाया गया है। कृषि क्षेत्र में किसान कर्ज मुक्त होकर अपनी उपज का सही दाम प्राप्त करें, इसके लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 22 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है। मैं हर जगह ये कहता नहीं फिरता हूं।
विरासत में हमें खाली खजाना मिला: कमलनाथ
पिछले साढ़े ग्यारह महीनेमें नई सरकार ने विरासत में मिले खाली खजाने और बदहाल व्यवस्था को सुधारने की नीति बनायी। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करते हुए नई सोच और दृष्टिकोण के साथ काम किया जा रहा है। देश में किसान आत्महत्या में नंबर-वन मध्यप्रदेश के किसानों को राहत पहुंचाई गई है। बेरोजगारी में नंबर-वन प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के अंधकार से निकालने के नए निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर चुनौती का हम पूरी ताकत से मुकाबला कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा- आदिवासियों का पलायन रोका जाएगा
सीएम ने कहा किआदिवासी क्षेत्रों से पलायन को रोकने, रोजगार देने और स्थानीय उपज का उचित दाम दिलाने के लिए सुनियोजित योजनाएं बनेंगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों के विकास के लिए जो योजनाएं बनी थीं और वर्षों से धूल खा रहीं हैं, ऐसी योजनाओं को लागू कर आदिवासियों तक उनका लाभ पहुंचाया जाएगा।
2003 में 23 हजार करोड़ कर्ज था, जो आज 1 लाख 80 हजार हो गया
डिंडौरी के प्रभारी मंत्री और वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि प्रदेश के आर्थिक हालत चुनौतीपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश पर 23 हजार करोड़ रुपये का ऋण था। जब नई सरकार ने कार्यभार संभाला, तब प्रदेश पर 1 लाख 80 हजार करोड़ का ऋण है। कमलनाथ को प्रगतिशील कौल महासभा के अध्यक्ष, माखन लाल सरैया ने शबरी के बेर खिलाए। कार्यक्रम मेंमुख्यमंत्री का आदिवासी परंपरा के साथ स्वागत किया गया।
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