भोपाल। दस साल पहले बनी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में बनाई गई सड़कें अब छोटी दिखने लगी हैं। इन सड़कों पर आए दिन जाम लगने से लेकर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास सड़क प्राधिकरण के सर्वे में हुआ है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश की 5 हजार ग्रामीण सड़कें तो एेसी हैं जिन पर यातायात का दबाव तेजी से बढ़ा है। एेसे में प्राधिकरण ने पहले चरण में इन5 हजार किलोमीटर की सड़कों को ५ मीटर तक चौड़ा करने का निर्णय लिया है।
प्राधिकरण ने सर्वे रिपोर्ट के साथ सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। संभावना जताई जा रही है कि केन्द्र सरकार इन सड़कों को चौड़ी करने के लिए जल्द ही राशि आवंटित करेगा। वर्तमान में ये गांव की सड़कें बड़े शहरों और हजारों गांव को जोडऩे के साथ ही यातायात के हिसाब से जिला मुख्य मार्गों को भी टक्कर देने लगी हैं। दस साल पहले इन सड़कों पर दिनभर में दस बड़े वाहन भी नहीं गुजरते थे, वहीं अब वाहनों की ंख्या पचास से ऊपर हो गई है। एमपीआरआरडीए ने इन सड़कों को चौड़ी करने के लिए डीपीआर तैयार कर ली है। सड़क चौड़ी करने पर करीब 12 सौ करोड़ रूपए खर्च आएगा।
शहरी सीमा में आईं ग्रामीण सड़कें
प्रदेश की करीब एक हजार किलोमीटर की ग्रामीण सड़कें शहरी सीमा में आ गई हैं। इसके चलते इन पर ट्रैफिक का दबाव एकदम बढ़ गया है। इन सड़कों से भारी वाहनों के गुजरने से जल्दी खराब हो रही हैं। एमपीआरडीसी को सड़कों की मरम्मत के लिए बार बार राशि खर्च करनी पड़ रही है। हालांकि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इन सड़कों के शहरी सीमा में आने के बाद नगरीय निकायों को ट्रांसफर करने के लिए प्रस्ताव दिया है, लेकिन निकाय इसे लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
ग्रामीण सड़कों से जुड़ेंगे स्थानीय पर्यटन
एमपीआरआरडीए स्थानीयय पर्यटन और धार्मिक स्थलों की ग्रामीण सड़कों को मुख्य मार्गों से जोडऩे की तैयारी कर रहा है। इसके लिए अलग अलग क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है। इसमें यह देखा जा रहा है कि स्थानीय महत्व के कौन से पर्यटन, धार्मिक स्थल, मेला, हाट अथवा उत्सव स्थल हैं, जहां स्थानीय लोगों का आना जाना बना रहता है। इसमें अलावा आने वाल समय में यह स्थलों को राज्य पर्यटन अथवा महत्व स्थल के रूप में आ सकते थे। इन स्थलों को मुख्य मार्गों को जोड़ा जाएगा।
अब आएगा पीएमजीएसवाय-३
केन्द्र सरकार पीएमजीएसवाय-३ योजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है, यह योजना जल्द ही लांच की जाएगी। ये योजना गांवों में माइक्रों लेवल पर जाकर काम करेगी। इसमें प्रत्येक गांव को सुविधा केन्द्र और मंडी से जोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में पांच से सात हजार किलोमीटर सड़कें बनाई जाएगी। इस योजना शहर से सुदूर अंचल और आदिवासी गांवों को केद्रित किया गया है। इसके अलावा जिन गांवों एक हजार से अधिक पुल-पुलिया का निर्माण किया जाएगा, जिससे बारिश के दौरान गांवों में आवागमन बाधित ना हो सके।
वर्जन :
प्रदेश के कई ग्रामीण सड़कों पर ट्रैफिक बहुत तेजी से बढा है। इन सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा है। पैसा मिलते ही सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा।
पीके निगम, मुख्य अभियंता, मप्र ग्रामीण सड़क विकास निगम